शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने शिक्षा नीति में परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री एवं मानव संसाधन मंत्री को भेजा ज्ञापन
नई दिल्ली. देश में शिक्षा नीति के प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया गया है, किन्तु नए कोरोना संकट के परिप्रेक्ष्य में दो माह से देश के समस्त शिक्षण संस्थान बंद हैं. इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के प्रारूप में कुछ आवश्यक रूप से बदलाव किए जाने चाहिएं. नई शिक्षा नीति में ऑनलाइन शिक्षा की मात्रा और स्वरूप का समावेश होना चाहिए. विषय के अनुसार कौशल शिक्षा का विस्तार भी किया जाना आवश्यक है. सभी शिक्षण संस्थाओं में स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को अनिवार्य किया जाए.
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने ऐसे कुछ सुझावों को लेकर प्रधानमंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया है. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव अतुल कोठारी ने नई शिक्षा नीति में नई चुनौतियों को देखते हुए आवश्यक परिवर्तन का सुझाव दिया है. ज्ञापन में कहा कि स्वदेशी स्वावलंबन अर्थव्यवस्था को पाठ्यक्रम में जोड़ना चाहिए. छात्रों की व्यक्तिगत, पारिवारिक, शैक्षणिक समस्याओं तथा भविष्य के प्रति सचेत करने हेतु विर्श केंद्र प्रत्येक शिक्षण संस्था में स्थापित किए जाने चाहिएं.
उन्होंने प्रधानमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री से चीनी कोरोना वायरस के उपरांत की परिस्थिति, भविष्य की चुनौतियां, एवं आवश्यकता को ध्यान में रखकर नई शिक्षा नीति के प्रारूप में परिवर्तन करके नई शिक्षा नीति घोषित करने का सुझाव दिया है.