कोटद्वार(विसंके). वयोवृद्ध पत्रकार व क्षेत्र के प्रतिष्ठित समाजसेवी कुंवर सिंह नेगी ‘कर्मठ’ का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे 103 वर्ष के थे. उनके निधन की सूचना से क्षेत्र सहित राज्य में शोक की लहर है. कल यानी गुरुवार, 10 अक्टूबर को खोह नदी के तट पर मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.
20 जनवरी 1912 को जशोद सिंह नेगी व लक्ष्मी नेगी के घर में जन्मे कुंवर सिंह ने उस दौर में गढ़वाल की जनता को जागृत करने के उद्देश्य से प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व सैन्य छावनी लैंसडौन में प्रिटिंग प्रेस की स्थापना की, जब देश अंग्रेजों का गुलाम था. भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. भक्तदर्शन के साथ मिलकर उन्होंने ‘कर्मभूमि’ पत्रिका का प्रकाशन किया.
आजादी के बाद 1950 में कर्मठ जी लैंसडौन से प्रेस को कोटद्वार ले आये, जहां उन्होंने कोटद्वार क्षेत्र में साहित्यिक चेतना जगाने के लिये डॉ.बनारसीदास चतुर्वेदी, बैरिस्टर मुकुंदीलाल, ललिता प्रसाद नैथानी व भैरवदत्त धूलिया जैसे प्रतिष्ठित लोगों के साथ मिलकर गढ़वाली साहित्यिक पत्रिका ‘गढ़-गौरव’ का प्रकाशन किया. उनके ही प्रयासों की बदौलत वर्ष 1981 में गढ़वाली भाषा परिषद का गठन हुआ. अपने जीवन काल में कर्मठ जी ने ‘भारत की आजादी में गढ़वालियों का योगदान’, ‘कर्नल इंद्र सिंह रावत की जीवनी’, ‘गढ़वाल का जातिनामा’, ‘भैसरो नयार नदी’, ‘इच्छागिरी माई’, ‘बीरबाला तीलू रौतेली’ सहित कई अन्य ऐसी पुस्तकें लिखी, जो भावी पीढ़ियों को गढ़वाल के गौरवमयी इतिहास से रूबरू कराती हैं. कर्मठ जी के निधन पर प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी , पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व पूर्व विधायक संतन बड़थ्वाल ने गहरा शोक जताया है.