पटना( विसंके). आदि कवि वाल्मीकि जयंती के सुअवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की बिहार इकाई द्वारा पटना में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. शरद पूर्णिमा के दिन विश्व संवाद केंद्र में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुये प्रख्यात विद्वान डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव ने कहा कि वाल्मीकि ने भारत के मानस पटल को तैयार किया. वाल्मीकि के उपरांत रामायण का अनेक लेखकों-कवियों ने प्रणयन किया. इसमें मर्यादा पुरूषोत्तम राम के चरित्र के माध्यम से लोगों को नैतिकता की शिक्षा दी गई. कार्यक्रम का विषय-प्रवेश कराते हुये प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यासकार डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद ने कहा कि वाल्मीकि ने राम के चरित्र को भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में स्थापित किया. आसेतु हिमालय आज भी राम से प्रेरणा पाता है. स्थानीय महावीर मंदिर प्रकाशन के संपादक पं. भवनाथ झा ने वाल्मीकि के ऐतिहासिक पक्ष को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी के प्रसिद्ध विद्वान एवं भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय,मधेपुरा के पूर्व कुलपति डॉ. अमरनाथ सिन्हा ने की.
कार्यक्रम की जानकारी देते हुये डॉ. रविन्द्र साहावादी ने बताया कि अखिल भारतीय साहित्य परिषद् साहित्य के क्षेत्र में कार्य करती है. साहित्य के माध्यम से समाज का मानस तैयार करना परिषद का उद्देश्य है. बिहार में कई बड़े कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं. उन्होंने संगोष्ठी में परिषद् के कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया तथा आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की चर्चा की. कार्यक्रम में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अशोक कुमार, संजय शर्मा, पत्रकार कृष्णकांत ओझा, राजीव कुमार, साक्षी राय, पन्नालाल चौरसिया इत्यादि उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन पत्रकार रीतेश परमार ने किया.