पुणे. विश्वविख्यात योग गुरु और स्कूल ऑफ योग के संस्थापक बीकेएस आयंगर का बुधवार, 20 अगस्त को तड़के यहां निधन हो गया. वह कुछ समय से बीमार थे. 96 वर्षीय आयंगर पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें एक सप्ताह पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दो दिन पहले उनकी हालत अधिक खराब होने पर उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया था.
उन्होंने तड़के सवा तीन बजे अंतिम सांस ली. पद्मविभूषण से सम्मानित अयंगर के परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं. महान योग गुरू को श्वास लेने में गंभीर परेशानी के चलते 12 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनका उपचार करने वाली डा. दीपाली मांडे ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया, ‘‘वह करीब तीन सप्ताह से बीमार चल रहे थे लेकिन इसके बावजूद वह अस्पताल में भर्ती नहीं होना चाहते थे. अयंगर को दिल की बीमारी भी थी. उनकी तबीयत लगातार खराब होती गई और गुर्दे फेल होने के बाद उन्हें डायलिसिस पर रखा गया.’’ डॉक्टर ने बताया, ‘‘अंतिम समय में वह अचेत जैसी अवस्था में थे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी कुछ खाने की भी इच्छा नहीं हो रही थी.’’ अयंगर को विश्व के अग्रणी योग गुरूओं में से एक माना जाता है और उन्होंने योग के दर्शन पर कई किताबें भी लिखी थीं जिनमें ‘‘लाइट ऑन योग’’, ‘‘लाइट ऑन प्रणायाम’’ और ‘‘लाइट ऑन दी योग सूत्राज ऑफ पतंजलि’’ शामिल हैं.
महान योग प्रवर्तक आयंगर के निधन पर संघ की श्रद्धांजलि
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश (भय्याजी) जोशी ने विश्वविख्यात योग गुरु श्री बीकेएस आयंगर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. अपने शोक संदेश में श्री भय्या जी ने कहा है कि जन्म लेने वाले की मृत्यु निश्चित है. परन्तु जिन्होंने जनकल्याण के श्रेष्ठ हेतु के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया हो, ऐसी विभूतियों के निधन से गहरा दुःख होना स्वाभाविक है.
श्री भय्या जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समस्त स्वयंसेवकों की ओर से उन महान आत्मा को अपनी विनम्रता पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत द्वारा विश्व को दिया गया योग एक अमूल्य उपहार है. श्रद्धेय योगाचार्य बी के एस आयंगर जी के देह विलय से हमने आधुनिक संसार के एक महान योग प्रवर्तक को खो दिया है. सार्वजनिक जीवन की इस क्षति तथा रिक्तता से हुआ दुःख अवर्णनीय है. उन्होंने यह ङी कहा कि “हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर से दिवंगत आत्मा को चिर-शान्ति प्रदान करने तथा उनके परिवार और विश्व भर में फैले हुए अनुयायी-हितैषियों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने के लिये शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं.