मेरठ. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि जिस तरह से वीर माता जीजाबाई ने अपनी पालन-पोषण से वीर शिवाजी को इस योग्य बनाया कि वह हिंदू साम्राज्य की नींव डाल पाये. आज भी ऐसे शिवाजी तैयार करने वाली वीरमाताओं की जरूरत है. यह मातायें अपने पुत्र-पुत्रियों को ऐसे खिलाड़ियों के रूप में तैयार करें, जिससे वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ा सकें. इस दिशा में क्रीड़ा भारती महत्वपूर्ण कार्य कर रही है.
क्रीड़ा भारती ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के अभिभावकों के लिये वीर माता जीजाबाई पुरस्कार समारोह का आयोजन किया. समारोह में मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि माता जीजाबाई अपने पुत्र शिवाजी को अपने राष्ट्र की संस्कृति पर आधारित बोध कथायें सुनातीं थीं. इसी प्रकार के ज्ञान और संस्कार से शिवाजी देश में सबका स्वाभिमान जगाने वाले राजा बने. राष्ट्र पुनर्निनिर्माण के कार्य को सामने रखकर जीजाबाई ने शिवाजी को पाला-पोसा.
क्रीड़ा भारती ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के माता-पिता का सम्मान करके सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि माता-पिता भी अपने बच्चों को संस्कार देकर उन्हें देश के लिये तैयार करें. खिलाड़ियों का सम्मान तो सभी जगह होता है, लेकिन उनको बनाने वाले और प्रेरक का कार्य करने वाले माता-पिता का सम्मान क्रीड़ा भारती ने किया है.
क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने कहा कि क्रीड़ा भारती गांव-गांव में क्रीड़ा केंद्र खोलने की नीति बना रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि मेरठ में स्पोर्ट्स हॉस्टल खोलने के लिये स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन प्रदेश सरकार के स्तर पर यह काम लटका हुआ है. उन्होंने राज्यपाल से इसे मंजूरी दिलाने की मांग की. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश चंद्र नागर ने तथा संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. संदीप त्यागी और पूनम विश्नोई ने किया. इस मौके पर आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक आलोक कुमार, प्रांत प्रचारक धनीराम, योगगुरू कर्मवीरजी महाराज, सुरेंद्र सिंह, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल और विधायक रविंद्र भड़ाना की उपस्थिति उल्लेखनीय थी.
व्यवस्था सुधारने को राजभवन भेजे जायें सुझाव
राज्यपाल श्री राम नाइक यहां पर जुदा अंदाज में नजर आये. उन्होंने कहा कि वह प्रोटोकॉल के पचड़े में पड़ने वाले राज्यपाल नहीं है. क्रीड़ा क्षेत्र में सुधार को जितने भी सुझाव हों, वह सीधे राजभवन भेजे जायें. इसके साथ ही वह प्रदेश के 24 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी है. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सुधार के लिये भी सुझाव भेजे जायें. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों की बंद पड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने के सुझाव भी दिए जायें.
इन खिलाड़ियों के माता-पिता हुए सम्मानित
हॉकी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रोमियो जेम्स, विकास शर्मा व एमपी सिंह, कुश्ती के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मनु तोमर, गार्गी यादव, बबीता सिंह, अपूर्वा त्यागी, पूजा तोमर, रजनी चौधरी, दिव्यांशी त्यागी, दीप्ति राजपूत, अलका तोमर, प्रियंका सिंह, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अमित त्यागी, क्रिकेट में प्रवीण कुमार व भुवनेश कुमार, कबड्डी में संजीव मुंडवर, किरण पाल, भारोत्तोलन में विनेश त्यागी, बॉक्सिंग में विपिन कुमार, बैडमिंटन में मनु अत्री, पैराग्लायडिंग में कर्नल सतेंद्र वर्मा, जूडो में पूनम विश्नोई, शूटिंग में आभा ढिल्लन, अनंत शिवेन प्रताप सिंह, एथलेटिक्स में विशाल सक्सेना के माता-पिता को सम्मानित किया गया है.