चेन्नई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने आज यहां कहा कि गाडगिल-कस्तूरीरंगन रिपोर्ट पर संघ अपने अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के वक्तव्य पर कायम है.
सह-सरकार्यवाह ने कहा कि संघ विवादास्पद मुद्दों का समाधान विशेषज्ञों की सर्वानुमति से किए जाने के पक्ष में है. सर्वानुमति के लिये राष्ट्रीय बहस होनी चाहिये.
पश्चिम घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ समिति ने 31 अगस्त 2011 को केंद को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसे गाडगिल आयोग के नाम से भी जाना जाता है. मशहूर अंतरिक्ष विज्ञानी के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति का गठन पर्यावरण मंत्रालय ने पश्चिम घाटों पर गाडगिल समिति की रिपोर्ट के अध्ययन के लिये किया था. गाडगिल समिति ने अनुशंसा की थी कि पहाड़ों के करीब तीन…चौथाई हिस्से को विकास के लिये प्रतिबंधित क्षेत्र बनाया जाये जिसमें पौधारोपण, कृषि योग्य भूमि और आवास को भी प्रतिबंधित किया जाये. इस अनुशंसा का राज्यों ने विरोध किया था. कस्तूरीरंगन समिति ने गाडगिल रिपोर्ट में पर्यावरण नियंत्रण को कमतर कर विकास और पर्यावरण संरक्षण के पहलुओं को संतुलित करने का सुझाव दिया.