मुनि की रेती. देहरादून राजभवन में चल रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन में शामिल देश-विदेश के विद्वानों ने परमार्थ निकेतन की सांध्यकालीन श्री गंगा आरती में भाग लिया. इस मौके पर मुख्य अतिथि राज्यपाल अजीज कुरैशी को परमार्थ निकेतन के महामंडलेश्वर स्वामी असंगानंद सरस्वती महाराज ने रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया.
इस अवसर पर राज्यपाल ने संस्कृत को भारत की प्राचीन भाषा बताते हुये कहा कि इतिहास गवाह है कि तमाम विदेशी दार्शनिकों ने संस्कृत भाषा की बदौलत ही प्रसिद्धि हासिल की है. उन्होंने संस्कृत को देश ही नहीं विश्व फलक पर बढ़ाने का संकल्प लिया.
शिक्षामंत्री, श्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि राज्यपाल संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने के लिये महती प्रयासों में जुटे हैं. यह राज्य के लिये गौरव का विषय है. इस दौरान भारत समेत विश्व के 18 देशों से आये संस्कृत विद्वानों ने गंगा आरती में भाग लिया.