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सत्ता परिवर्तन हुआ है तंत्र परिवर्तन होना शेष: सरसंघचालक

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Baithak mein Manchaseen Atithiहरिद्वार (मीडिया सेंटर). अभी सत्ता परिवर्तन हुआ है, तंत्र परिवर्तन होना अभी शेष है. हमने देश के विकास के लिये सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. पांच साल बाद देखेंगे आगे क्या करना है. यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परमपूज्य सरसंघचालक मोहनजी भागवत ने कही.

कनखल स्थित परमार्थ आश्रम में संत सभा को संबोधित करते हुए परमपूज्य ने कहा कि संघ द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे विकास कार्यों को देखने के लिये मैंने कई गांवों का भ्रमण किया. इस दौरान मैंने पाया कि समाजसेवी अजीम प्रेमजी गांवों में शिक्षा के प्रति समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं. यह लोगों के लिये प्रेरणादायी कार्य है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि जनता ने उनसे काफी आस लगायी है. इसके बाद देखेंगे कि आगे क्या करना है.

Santon ko Sambodhit karte Sarsanghchak jiभागवतजी ने कहा कि संघ और संत देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. यह काम आगे भी जारी रहना चाहिये. उन्होंने कहा कि भारत को लेकर देश और विदेशों में जो वातावरण बन रहा है और जो लोगों के सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उसकी समीक्षा के बाद केन्द्र सरकार अपना लक्ष्य निर्धारित करेगी. सरकार का लक्ष्य अंतिम व्यक्ति से विकास कार्यों की शुरूआत का होना चाहिये ताकि समाज के हर व्यक्ति को विकास का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि संघ पहले ही गांवों को गोद लेकर उनके विकास के लिये कार्य कर रहा है. नागपुर बैठक में संपूर्ण देश से 13 सौ स्वयंसेवक पहुंचे थे जो गांवों के विकास में जुटे हुये थे. अब समय आ गया है कि उनके द्वारा किए गये कार्यों का प्रदर्शन किया जाये.

समारोह में परमपूज्य सरसंघचालक के साथ विभिन्न अखाड़ों के संतों ने देश के विकास में संतों की भूमिका पर भी चर्चा की. चिन्मयानंद महाराज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते कहा कि अब समय आ गया है जब यह सोचना होगा कि देश के विकास में हिंदू समाज क्या कर सकता है. स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज ने कहा कि मीडिया में लगातार साधुओं की जो छवि सामने आ रही है, इसको सुधारने के लिये उन्हें सांसद की तरह एक गांव गोद लेना चाहिये ताकि साधु संतों की छवि को सुधारा जा सके.

हरिचेतना जी महाराज ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सत्ता और व्यवस्था परिवर्तन विकास के लिये उठाया गया पहला कदम है. विकास में संघ और संत एक साथ महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं. अग्नि अखाड़े के कैलासानंद ने कहा कि सत्ता परिवर्तन हो गया है अब हिंदू समाज को एकजुट होकर जनता के दुखों को दूर करना होगा. सरकार को जनता के लिये कुछ करने का समय मिला है, इसका लाभ उठाना चाहिये.

प्रभुदेव जी महाराज ने कहा कि हमें शिक्षा नीति में बदलाव की पहल करनी चाहिये. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई ऐतिहासिक हिंदू धरोहरों पर सरकार का कब्जा है, जिसे मुक्त कराना चाहिये ताकि सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया जा सके.

परमानंद जी महाराज ने कहा कि हर एक व्यक्ति अपने जीवन में सुखी होना चाहता है. इसके लिये वह सही और गलत दोनों तरह के रास्ते अपनाता है. इसके बावजूद भी वह सुखी नहीं है. इस पर भी विचार होना चाहिये. उन्होंने कहा कि देश में अभी विकास का माहौल है. निरंजनी अखाड़े के संत ने कहा कि मोदी ने स्वच्छ भारत की कल्पना रखी है. यह कल्पना तभी साकार होगी जब लोगों का तन और मन स्वच्छ होगा.

इस अवसर पर हरिचेतना जी महाराज, रविन्द्र कुंज महाराज, शिवशंकर जी महाराज, देवेन्द्रशरण जी महाराज, ब्रह्देव जी महाराज, दिनेश जी, जगदीश जी, आलोक जी, लक्ष्मी प्रसाद जायवाल, कृपाशंकर जी आदि उपस्थित थे.

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