स्वयंसेवकों ने एक दिन में 10800 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की
400 स्वयंसेवक लगे एक दिन के मास स्क्रीनिंग अभियान में
मुंबई (विसंकें). कोरोना संक्रमण की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा कंटेनमेंट जोन मुंबई की धारावी बस्ती. 500 एकड़ में फैली बस्ती में 6.5 लख के लगभग लोग रहते हैं. यहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा डेढ़ हजार को पार कर गया है. बस्ती में कोरोना संक्रमण से निपटने की जद्दोजहद में तीसरे चरण का मास स्क्रीनिंग अभियान शुरू होने वाला है.
रविवार सुबह 9.00 बजे से कुछ पहले का समय. मुंबई महानगरपालिका के वाहनों, एंबुलेंस के माध्यम से चिकित्सकों, स्वयंसेवियों की टीमें पहुंच चुकी हैं. चार सदस्यों की एक टीम है, जिसमें एक चिकित्सक व तीन स्वयंसेवी शामिल हैं. ऐसी कुल पचास टीमें बनाई गई हैं. बस्ती में 50 स्थान चिन्हित किये गए हैं, लगभग 9.00 बजे सभी टीमें निर्धारित स्थानों पर पहुंच चुकी हैं. स्वयंसेवकों व स्थानीय लोगों की टोलियां लोगों को स्क्रीनिंग के लिये लाने में सहयोग कर रही हैं. स्क्रीनिंग के साथ ही जागरूकता अभियान भी चल रहा है, बस्ती में रहने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के उपायों के संबंध में जानकारी दी जा रही है. दोपहर दो बजे तक थर्मल स्क्रीनिंग का कार्य चलता है, अभियान के दौरान एक दिन में 10,800 लोगों की स्क्रीनिंग की गई.
धारावी में मुंबई महानगरपालिका व स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से पहले भी स्क्रीनिंग अभियान चला है, लेकिन मास स्क्रीनिंग का पहला अभियान लिया गया. संकट से निपटने की योजना के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जनकल्याण समिति, निरामय सेवा फाउंडेशन और सेवांकुर, तीन संस्थाएं आगे आईं. जनकल्याण समिति ने युवाओं और चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत लोगों से सहयोग का आह्वान किया. जिसमें काफी अच्छा समर्थन मिला. मेडिकल स्टूडेंट, अन्य क्षेत्रों में अध्ययनरत व सेवारत युवाओं ने उत्साह दिखाया. अभियान की मुख्य टीम में शामिल 200 लोगों में से 51 चिकित्सकों में 90 प्रतिशत महिला चिकित्सक, 121 पुरुष व 28 महिला स्वयंसेवी थीं.
अभियान से पहले सभी को चिकित्सकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया था, अभियान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों, पीपीई किट पहने के बारे में जानकारी दी गई थी. रविवार को अभियान से पहले भी ब्रीफिंग की गई. अभियान में भाग लेने वाले स्वयंसेवी तीन दिन तक क्वारेंटाइन में रहेंगे, उसके पश्चात उनका टेस्ट होगा. मास स्क्रीनिंग अभियान से पहले बस्ती में मुंबई महानगरपालिका के सहयोग से बैठकें कर लोगों को विश्वास में लिया गया था. अभियान के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया था, स्वयंसेवकों के लिये पीपीई किट, मास्क, सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई थी. अभियान में शामिल स्वयंसेवियों ने उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया दी, बस्ती के लोगों की ओर से भी सकारात्मक सहयोग मिला. मुंबई महानगरपालिका की देखरेख में अभियान चला, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहल पर स्वयंसेवियों ने भाग लिया.