जबलपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक रामदत्त चक्रधर ने समाज से कहा कि उसे उपेक्षित और पीड़ित वर्ग के लिये संवेदनशील रहना चाहिये. वे समन्वय सेवा केन्द्र में आयोजित सेवा संगम कार्यक्रम में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से नदियां स्वयं का पानी नहीं पीती हैं, बल्कि दूसरों की प्यास बुझाती है, ठीक उसी तरह ईमानदार स्वयंसेवी संस्थायें भी अपने हितों का परित्याग करके दूसरों की भलाई का काम करती है. श्री चक्रधर ने कहा कि जिस तरह पवित्र नदियों का संगम होता है, ठीक उसी तरह से आज यहां पर स्वयंसेवी संस्थाओं का संगम हुआ. सेवा संगम को महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने सेवा कार्यों को देवीय कार्य बताते हुये कहा कि प्राणी मात्र में ईश्वर का दर्शन करें तथा उनके कष्टों को दूर करने का प्रयास करें.
सेवा संगम दो सत्रों में चला. दूसरे सत्र को सेवा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्य प्रकाश टोंक ने सम्बोधित किया, उन्होंने कहा कि सेवा कार्य तभी सार्थक होते है जब समाज में सकारात्मक परिवर्तन दिखें. रविवार को सम्पन्न हुये इस सेवा संगम के एक दिन पूर्व अखिल भारतीय सेवा प्रमुख सुहास हिरेमठ ने एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में सेवा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुन्दर लक्ष्मण, कार्यालय सचिव सुरेश अग्रवाल, पश्चिम मध्य क्षेत्र के प्रभारी गोरे लाल, सह क्षेत्र प्रचारक अरुण जैन, प्रांत प्रचारक राजकुमार मटाले, सह-प्रांत सम्पर्क प्रमुख अनिल डागा सहित लगभग साढ़े तीन सौ महिला-पुरुष कार्यकर्ता उपस्थित रहे.