वाराणसी. धर्मांतरण पर संसद से लेकर सड़कों तक मचे शोरगुल के बीच विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंघल ने केन्द्र सरकार को परामर्श दिया है कि भारत सरकार को देवल ऋषि की घर वापसी की व्यवस्था को कानूनी स्वीकृति देनी चाहिये.
उन्होंने अपने एक प्रेस वक्तव्य में कहा कि हिन्दू समाज धर्मान्तरण करने हेतु विश्व के किसी भी भाग में कभी नहीं गया जबकि इतिहास साक्षी है कि पिछले पाँच-छः सौ वर्षों से लाखों लोगों की हत्या करके, प्रलोभन और धोखे से ईसाई मिशनरियों ने आधे से अधिक विश्व को ईसाई बनाया और इस्लाम ने मोरक्को से हिन्देशिया तक हिंसा के सहारे धर्मान्तरित किया. जबकि पहली बार राजा दादिर के समय सिन्ध पर हमला करके हिन्दू को धर्मान्तरित किया गया. उसी समय देवल ऋषि ने घर वापसी की धार्मिक व्यवस्था दी, यह धर्मान्तरण नहीं है. स्वामी विवेकानन्द ने कहा था जब एक हिन्दू एक ईसाई बनता है तो हिन्दू समाज का एक शत्रु और बढ़ जाता है.
विहिप के शीर्ष नेतृत्वकर्ता का कहना है कि इस्लामिक राज्य में तथा ईसाइयों के राज्यकाल में भारी संख्या में हिन्दू समाज का धर्मान्तरण हुआ और जिन्ना के यह कहने के बाद कि हम हिन्दुओं के साथ नहीं रह सकते, पाकिस्तान में दसियों लाख हिन्दुओं की हत्या की गयी. उन्होंने कहा कि भारत में जो रह गये हैं, वे हिन्दू समाज से प्रेम स्थापित करके रहें, इसके अलावा कोई रास्ता अब नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दुओं का लव जेहाद अथवा अन्य किसी तरीके से धर्मान्तरण रोकने के लिये कठोर कानून बनाया जाना चाहिये.
श्री सिंघल ने चेतावनी दी कि आज चर्च के एक लाख पूर्णकालिक मिशनरी गाँव-गाँव सामूहिक ईसाई बनाने का कार्य बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. इनको ईसाई देशों से हजारों करोड़ों की राशि प्रतिवर्ष आ रही है. इसको रोकने हेतु कठोर कानून बनाना चाहिये, तभी शान्ति और प्रेम स्थापित होगा.
जनसंख्या विशेषज्ञों का कहना है कि यदि परिवार नियोजन का पालन करने वाला हिन्दू अपनी जनसंख्या कम करते जायेगा और मुस्लिम पर्सनल लॉ के अधीन वे जनसंख्या बढ़ाने का कार्य इस्लाम की आड़ में करेंगे, तो 50 वर्ष में हिन्दू अल्पसंख्यक होगा इसलिये सरकार कड़े कानून शीघ्रातिशीघ्र लाये.