मेरठ (विसंके). सहारनपुर शहर में हुए सांप्रदायिक दंगे का मास्टर माइंड मोहर्रम अली पप्पू शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में निरुद्ध कर दिया गया. एडवाइजरी बोर्ड ने एक साल के लिये रासुका सुनिश्चित की है. पप्पू पर दंगों के 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं.
कुतुबशेर थाने के पास जमीन विवाद में लोगों को भड़का कर सुनियोजित तरीके से दंगा कराने के अभियुक्त मोहर्रम अली उर्फ पप्पू पर शुक्रवार को एडवाइजरी बोर्ड ने रासुका सुनिश्चित कर दी है. इससे पहले एडवाइजरी कमेटी के सामने जिलाधिकारी इंद्रवीर सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार पांडेय ने पक्ष रखा था. कमेटी ने दंगे के आरोपी मोहर्रम अली का पक्ष भी जाना था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को रासुका सुनिश्चित की. पप्पू एक साल तक रासुका में निरुद्ध रहेगा और इसके बाद उसकी सुनवाई होगी.
गुरुद्वारा रोड स्थित जमीन के विवाद में मोहर्रम अली पप्पू ने भीड़ को एकत्र किया और फिर सुनियोजित तरीके से दंगा भड़का दिया. पुलिस ने घेराबंदी कर 30 जुलाई को दंगे के आरोपी को गिरफ्तार किया था. श्री इंद्रवीर सिंह यादव ने बताया कि रासुका सुनिश्चित कर दी गई है. शहर को दंगे की आग में झोंकने वाला मोहर्रम अली उर्फ पप्पू पश्चिम उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े दंगे का आरोपी है. पुलिस ने उसके विरुद्ध 100 से ज्यादा मामले दर्ज किये हैं. अंबाला रोड से पुराने शहर की ओर दर्ज हर मुकदमे में पप्पू को आरोपियों की सूची में शामिल किया गया है.
कुतुबशेर थाने पर 26 जुलाई को मोहर्रम अली और उसके बेटे सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने दंगा भड़काया था. दंगे में तीन लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों दुकानें जला दी गई थीं. इसके बाद पप्पू के गुर्गों ने पुलिस और पब्लिक पर फायरिंग-पथराव किया भी किया. पुलिस ने मोहर्रम के अलावा उसके बेटे दानिश, भतीजे इरशाद, आबिद, शाहिद, इरफान को भी गिरफ्तार किया था. 25 जुलाई की रात में गुरुद्वारे के बगल में जमीन पर निर्माण की शिकायत लेकर पप्पू थाने पहुंचा. वहां भीड़ को एकत्र कर दबाव बनाने की कोशिश की थी.
पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली. लेकिन पप्पू ने मस्जिद शहीद होने का ऐलान कर भीड़ को भड़का दिया था. जांच में यह भी पाया गया कि गुरुद्वारा कमेटी से ब्लैकमेलिंग की धनराशि नहीं मिलने पर पप्पू ने शहर में दंगा कराया था. एसएसपी राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि मोहर्रम अली ने शहर को नफरत की आग में झोंका. हम उसके विरुद्ध मजबूती ने अपना पक्ष रख रहे हैं.
मसूद कुरैशी पुलिस पकड़ से बाहर
दंगे मसूद कुरैशी को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन, पप्पू की गिरफ्तारी के बाद पुलिस मसूद कुरैशी को भूल गई. यही कारण है कि पुलिस अब तक मसूद कुरैशी तक नहीं पहुंच पाई. इसके अलावा दंगे के अन्य आरोपियों पर भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाई.