देहरादून(विसंके). दीपावली के पावन अवसर पर भारत में खिलौने, झालरें, पटाखे सहित कई अन्य सामान बेचकर साढ़े तीन सौ करोड़ का शुद्ध लाभ कमाने वाले हमारे पड़ोसी देश चीन को इस बार करारा-झटका लग सकता है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने दीपावली में समस्त चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिये लोगों को जागरूक करने का कार्य शुरू कर दिया है. इस जागरूकता अभियान में संघ लोगों को पड़ोसी देश में बनी बिजली के साजो समान के बजाय दीपकों से घरों को प्रकाशित करने के लिये प्रेरित किया जायेगा.
परम पूज्य सरसंघचालक डा. मोहन राव भागवत के विजयादशमी के अवसर पर स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के परामर्श पर संघ परिवार सक्रिय हो गया है. व्यक्तिगत मिलन, पत्रकों के माध्यम से जनमानस को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है. संघ के प्रांत कार्यवाह लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने बताया कि चीन का भारत में 20 हजार करोड़ सालाना का कारोबार है, इसे तोड़ने हेतु और देश के लाभ पहुंचाने के लिये इन वस्तुओं का बहिष्कार जरूरी है. इसके लिये लोगों से अपील भी की जा रही है कि कम से कम तीन परिवारों को स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूक करें. देश में बनी झालरों, दीयों, पटाखों आदि का प्रयोग करें.
प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश ने बताया कि चीन देश से कमाये मुनाफे को भारत के विरोध में इस्तेमाल करता है. लोग देशी सामान का प्रयोग करेंगे तो लघु उद्योग विकसित होंगे. संघ विचार परिवार स्वदेशी को लेकर पहले से ही कई अभियान और कार्य कर चुका है. लेकिन इस बीच मुख्य लक्ष्य दीपावली पर रखा गया है. इस त्योहार में बड़ी मात्रा में चीन के उत्पादों की भारत में खपत होती है.
संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशंकर ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाना है, तो अपने बल पर खड़ा होना पड़ेगा और इसके लिये अपना आत्म सम्मान जगाने की आश्यकता है, हम अपना कार्य स्वयं करें और अपना उत्पादन ले तो देश की ही प्रगति होगी. जबकि एक ओर अमेरिकी अपने देश में बना महंगा सामान खरीदता है लेकिन जापान का सस्ता उत्पाद नहीं लेता. राष्ट्रीयता का भाव रखते हुए सभी को एक साथ आना होगा.