चीन के खिलाफ लोगों में बढ़ रहा आक्रोश,
जोधपुर. स्वदेशी जागरण मंच,जोधपुर द्वारा शहर के कुड़ी भगतासनी क्षेत्र में बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी तथा विरोध प्रदर्शन के पश्चात चीन के राष्ट्रपति का पुतला जलाया गया.
विरोध प्रदर्शन में स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. धर्मेंद्र दुबे ने कहा कि गलवान घाटी में झड़प आरसीईपी समझौते पर भारत द्वारा हस्ताक्षर न करना तथा देश में चल रही स्वदेशी वस्तुएं अपनाने की लहर तथा चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के कारण चीनी बाजार को पहुंचे सदमे का नतीजा है. स्वदेशी जागरण मंच पूरे देश में स्वदेशी स्वावलंबन अभियान के तहत डिजिटल हस्ताक्षर अभियान चला रहा है, जिसका उद्देश्य छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों द्वारा अधिक से अधिक रोजगार सृजन कर युवाओं वह देश को स्वावलंबी बनाना है.
कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक अनिल वर्मा ने कहा कि चीन मूल रूप से कोई बहुत बड़ा देश नहीं है, लेकिन इसकी विस्तारवादी नीति तथा दूसरे देशों पर कब्जा करने के कारण आज यह बड़े स्वरूप में दिखाई देता है. चीन द्वारा ताइवान, मंगोलिया, हांगकांग, तिब्बत पर कब्जा किया जा चुका है तथा अब वह भारत को भी कब्जाना चाहता है. लेकिन मंगोलिया, ताइवान, हांगकांग व तिब्बत के नागरिक अपने आप को चीन का नागरिक स्वीकार नहीं करते, बल्कि अपना स्वतंत्र राष्ट्र चाहते हैं. अब यह जिम्मेदारी भारत के कंधों पर है कि इन देशों के नागरिकों को स्वतंत्र देश के नागरिक के रूप में पहचान दिलाई जाए.
अपने बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि हमारे सैनिकों ने चीन के सैनिकों को बिना हथियारों का उपयोग किए हुए उनके कुकर्मों की सजा दी है, उनकी गर्दन मरोड़ी है. उसी प्रकार अब देश के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वह स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग व चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के द्वारा चीन की कमर को तोड़े.
कार्यकर्ताओं, क्षेत्रवासियों तथा मातृशक्ति ने स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने तथा चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया.
शहर के घंटाघर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. जिसमें महानगर महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. वक्ताओं ने आह्वान किया कि चाइना का सामान कोई भी भारतीय नहीं खरीदेगा.
स्वदेशी जागरण मंच ने हर घर मे 20 दीपक जलाकर वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और चीनी वस्तुओं के बहिष्कार तथा भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों के उपयोग का आह्वान किया था. आह्वान पर शहर के हजारों घरों में परिवार सहित चीनी वस्तुओं एवं सेवाओं के बहिष्कार का संकल्प लिया गया.