मुजफ्फरनगर. पिछले साल मुजफ्फरनगर दंगों का सबब बने सचिन और गौरव की पहली बरसी गुरूवार, 28 अगस्त को मलिकपुरा गांव में संगीनों के साये में संपन्न हुई. शांति पाठ व हवन में हजारों लोगों ने भाग लिया और गमगीन माहौल में लोगों ने श्रद्धांजलि दी.
इस बरसी को लेकर कवाल और मलिकपुरा के लोग एक बार आमने-सामने आ गये थे. इसके बाद वाहन निकालने को लेकर दोनों समुदायों के बीच सहमति बन गई. मुख्य सड़क से मलिकपुरा आने का एक रास्ता कवाल गांव के बीच से आता है तो दूसरा कवाल के बाहर से निकाला गया है. दूसरे रास्ते को दंगे के बाद सरकार ने मलिकपुरा की बेटियों को स्कूल आने-जाने के नाम पर बनवाया है. बरसी पर तनाव को देखते हुए पूरे गांव को छावनी बना दिया गया. आरएएफ से लेकर पुलिस और पीएसी गांव में तैनात की गई. संगीनों के साये में शांतिपाठ में आने वाले लोगों की बंद गाड़ियों को कवाल के अंदर से जाने दिया गया, जबकि सुरक्षा की दृष्टि से ट्रैक्टर-ट्रॉली, बाइक व अन्य खुले वाहनों को कवाल के बाहर वाले रास्ते से निकाला गया. कवाल के अंदर के रास्ते से जाने के लिये कुछ वाहनों की सवारियों से पुलिस की झड़प भी हुई, लेकिन पुलिस ने सख्ती बरती.
बरसी के मौके पर कवाल गांव में मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र की ज्यादातर दुकानें बंद रहीं, जबकि हिंदू वाले इलाकों की दुकानें खुली रहीं. सचिन की पत्नी स्वाति ने भी शांति पाठ में शामिल होने की बात कही थी, लेकिन वह अपने मायके पुरबालियान गांव से मलिकपुरा नहीं पहुंची. उसने अपने तीन वर्ष के बेटे गगन को मलिकपुरा भेजा. शांति पाठ व हवन में हजारों लोगों ने भाग लिया और दोनों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान, थाना भवन विधायक सुरेश राणा, भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत, पूर्व मंत्री सुधीर बालियान, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, जिला वंदना वर्मा, वैभव त्यागी, देवव्रत त्यागी, रवि किरण, राजीव प्रताप सैनी आदि मौजूद थे.