लखनऊ (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह क्षेत्र कार्यवाह डॉ. वीरेंद्र जायसवाल जी ने कहा कि ईश्वर ने हम सबको पृथ्वी पर भेजने से पहले सबकी भूमिका तय की है और इसी भूमिका का निर्वहन करते हुये वापस ईश्वर के पास चले जाते हैं. अपनी भूमिका को जानने के लिये अपने इतिहास को जानना भी जरूरी है. संघ के स्वयंसेवकों ने भी भारत माता की सेवा करने के लिये इस पवित्र भूमि पर जन्म लिया है और हमारी ये साधना जीवनभर निरंतर चलती रहे. ऐसी ईश्वर से कामना करते हुए अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए. डॉ. वीरेंद्र जी लखनऊ उत्तर भाग की ओर से नववर्ष के अवसर पर आयोजित संघ समागम में मुख्य अतिथि के रूप में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे.
इससे पूर्व अयोध्या धाम से पधारे संत श्री श्री 108 श्री जगद्गुरू रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य जी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि भारतीय संस्कृति में जो करूणा का भाव है, वह भाव विश्व की अन्य किसी संस्कृति में नहीं है. हमको गर्व करना चाहिए कि हमारा जन्म इस धरा पर पवित्र काम करने के लिये हुआ है, इसलिए हमें राष्ट्र उन्नति का काम करना चाहिए.
कार्यक्रम की शुरूआत में शारीरिक प्रदर्शन हुआ, जिसमें समता, दण्ड योग, योग, आसन का सामूहिक प्रदर्शन भी हुआ. कार्यक्रम में विभाग संघचालक जयकृष्ण सिन्हा जी, भाग संघ चालक अनिल जी, भाग कार्यवाह पवन जी, प्रान्त शारीरिक प्रमुख अखिलेश जी, सहित अन्य गणमान्य लोग व स्वयंसेवक उपस्थित थे.