हरिद्वार, 30 नवंबर, (मीडिया सेंटर). हिन्दू समाज मानवता के सर्वश्रेष्ठ गुणों से भरा है. प्रतिस्पद्धा में वह सबसे आगे है परंतु सामूहिकता की भावना की कमी के चलते वह कमजोर समुदाय बनकर रह गया है. आज जरूरत है हिन्दू समाज अपने कदम को दूसरे से मिला कर चले और स्वयं में संगठन के भाव मजबूत करे तो वह इतिहास बदल सकता है. उसे अपने प्रबोधन के प्रकाश में अपने आचरण को ढालना होगा. आत्मगौरव के आधार पर अपने समाज को संगठित करना होगा. इस बात को पूजनीय आद्य सरसंघचालक डा. हेडगेवार जी और तत्कालीन महापुरुषों ने महसूस किया था और तभी डाक्टर साहब ने आठ वर्षों की गंभीर चिंतन के बाद 1925 में संघ की स्थापना की.
उक्त बातें राष्टीय स्वयंसेवक संघ के परमपूजनीय सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने पतंजलि योगपीठ योगपीठ फेज टू में आरएसएस द्वारा आयोजित तीनदिवसीय नवसृजन शिविर के अंतिम दिन प्रथम सत्र जिज्ञासा समाधान में शिक्षार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कही.
ऋशिकेष से शिविर में आए शिक्षार्थी अंकित रावत, अंकित पंवार और सुमित त्यागी के प्रश्न का जवाब देते हुए पूजनीय सरसंघचालक ने कहा कि आज हिन्दू समाज के पुनरोत्थान का सबसे सरल तरीका समाज को संगठित करना है. संगठन में जो शक्ति है वह हिंदू समाज का पुराना गौरव लौटाएगी.
विकास नगर के शिक्षार्थी के सवाल का जवाब देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि मनुष्य सर्वश्रेष्ठ प्राणी है और प्रकृति का अंग है. प्रकृति को लोग मातृभाव से देखते है इसीलिए कहा गया है माता भूमि पृथव्या पुत्रोअहम् यानी धरती माता है और हमस ब उसके पुत्र इसीलिए भारत को माता कहा जाता है और देश को मातृभूमि.
शिक्षार्थी भगवती प्रसाद तलवाड़ी के जातीय भेदभाव से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए भागवत् जी ने कहा कि भेद शब्द ही असत्य है. इस दुनिया में सभी समान है इसलिए भेदों यानी अंधेरों को भगाओं यही भेदभाव को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है. संघ इसके लिए निरन्तर कार्य कर रहा है.
नक्सलवाद को समाप्त करने के बारे में अंकुर गोयल के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें दो तरह का काम करना है प्रथम जो बगावत कर रहे है उनको समझा बुझाकर सही रास्ते पर लाना दूसरा सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था के लिए जो चुनौती बन रहे है उनके खिलाफ कड़ाई से पेश आना. सरकार को विकास की किरण समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना होगा और स्वयं में पारदर्शिता भी लानी होगी.
बेरोजगारी से संबंधित रूद्रप्रयाग के छात्र तेजपाल खत्री के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि इसको दूर करने का एकमात्र रास्ता युवा बल का उचित ढंग से संयोजन करना. उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी है ही नहीं बल्कि यह कृत्रिम है. आज भारतीय सेना में तीस हजार लोगों की कमी है. मजदूरी करने वाला मजदूर मिलता नहीं किसान खेती करना चाहते नही तो इसके कारणों को खोजना और उसको दूर करने से बेरोजगारी से मुक्ति पाई जा सकती है. स्वयंसहायता समूह, लघु उद्योग आदि पर फोकस करके भी इससे मुक्ति पाई जा सकती है और संघ ऐसे कार्यो को निरन्तर कर रहा है.
कश्मीर मामले पर छात्र संतोश कुमार के सवाल का जवाब देते हुए परमपूजनीय सरसंघचालक ने कहा कि कश्मीर का मसला दो देशों के बीच का साधारण मामला है लेकिन इसे विश्व की महाशक्तियों ने अपने स्वार्थ के चलते उलझा रखा है. भारत समय आने पर कड़ाई से इसका समाधान निकाल सकता है.
अमन गर्ग व संदीप अग्रवाल के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संघ धर्म की ही शिक्षा देता है कट्टरता का नहीं. संघ सामूहिकता की शिक्षा देता है संगठन में रहने के फायदे बताता है.
उत्तरकाशी और कर्णप्रयाग के आजाद डिमरी और भगवती प्रसाद के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संघ का स्वयंसेवक कभी भ्रष्ट नहीं होता है ऐसे लोग जरूर पथ से विचलति होते देखे गए जिन्होंने संघ को राजनीति में जाने का माध्यम बनाया लेकिन उनकी संख्या अधिक है जो संघ से राजनीति में गए और अपनी ईमानदारी को बनाये रखा.
विदेश मुद्रा और विदेशी व्यापार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विकास सिर्फ स्वालंबन पर आधारित होना चाहिए संघ इसे ही सच्चा मार्ग मानता है. विदेशों पर निर्भर रहकर कोई स्थायी विकास नहीं हो सकता.
अखंड भारत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत तो अखंड ही था उस पर तो विभाजन थोपा गया. भारत और कहने से हिंदू आता है और हिंदू कहने से भारत दोनो एक दूसरे के पर्याय है. इतिहास गवाह है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका और बांग्लादेश जबसे भारत से अलग हुए है परेशान और दुःखी है. अखंड भारत बनने का समय करीब आ रहा है. इसलिए हिन्दू समाज को सतर्क रहकर कार्य करना है.
धारा 370 के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संघ इसके लिए सरकार पर कोई दबाव नहीं बनायेगा. संघ इस बारे में समाज का जागरण करेगा .
अयोध्या में राम मंदिर कब बनेगा इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब संघ प्रमुख ने कहा कि मंदिर जरूर बनेगा. इसके लिए दो रास्ते है एक तो हम कानूनी लड़ाई जीते और दूसरा देशभर के सांसद संसद में प्रचंड बहुमत से इसके लिए प्रस्ताव पास करे तो यह जल्दी संभव है. अब ये उन पर निर्भर है वे जब करेंगे तब होगा.उन्होंने पलायन रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के श्रृजन का रास्ता बताया. जबकि युवाओं को नशे से बचाने के लिए उनको तनाव न हो ऐसे वातावरण बनाने और उनको नशे के नुकसान और भारतीय संस्कारों से परिचित कराने की आवश्यकता बताई.
इस जिज्ञासा समाधान सत्र में क्षेत्र संघचालक दर्शनलाल जी,प्रांत संघचालक चंद्रपाल सिंह नेगी, प्रान्तकार्यवाह लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल, प्रांत बौद्धिक प्रमुख भजन सिंह खत्री, सहशिविराधिकारी डा.अनिल गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.