करंट टॉपिक्स

अच्छे भावों से ही होगा अस्पृश्यता का खात्मा-रमेश पतंगे

Spread the love

Prabudhh Nagrik Goshthiमेरठ. सामाजिक समरसता मंच के संस्थापक और वरिष्ठ पत्रकार रमेश पतंगे ने कहा कि अस्पृश्यता हिंदुत्व के लिये कलंक है. दुनिया में किसी भी जगह पर यहाँ जितनी अस्पृश्यता नहीं है. डॉ. अंबेडकर से लेकर गुरूजी गोलवलकर जी तक सभी ने अस्पृश्यता के खात्मे पर जोर दिया. मन में अच्छे भाव जगाकर ही अस्पृश्यता का अंत किया जा सकता है, क्योंकि अस्पृश्यता से बड़ा कोई पाप नहीं है.

शुक्रवार को अतिथि भवन में महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर अस्पृश्यता और हिंदू समाज विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी का आयोजन किया. मुख्य वक्ता सामाजिक समरसता मंच के संस्थापक और वरिष्ठ साहित्यकार रमेश पतंगे ने कहा कि भारत के सभी महापुरुषों ने अस्पृश्यता को लेकर चिंता जाहिर की और इसे हिंदुत्व की एकता के लिये कलंक बताया. दुनिया के किसी भी धर्म में इतनी अस्पृश्यता नहीं है, जितनी हिंदू धर्म के अंदर है. महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता को कलंक बताया, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने तो इसे मानव देह पर ही कलंक बताया था. श्री गुरूजी माधवसदाशिव गोलवलकर जी ने कहा था कि सवर्णों के मन में हीनभाव का नाम ही अस्पृश्यता है. बालासाहेब देवरस ने इसे बहुत बुरा बताया था. उन्होंने कहा कि महापुरुषों द्वारा अस्पृश्यता की भर्त्सना के बाद भी इसका खात्मा नहीं हो रहा, अस्पृश्यता मन से नहीं जाती, अस्पृश्यता के खात्मे के लिये सोच में बदलाव लाना होगा. यह काम कानून के जोर पर नहीं किया जा सकता. मन का भाव बदलने के लिये लोगों को सोचने के लिये मजबूर किया जाना चाहिये. यह काम डॉ. अंबेडकर ने अपने ढंग से किया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोगों में अच्छे भाव जगाकर अस्पर्श्यता को दूर करने में लगा है. सभी महापुरुषों को अपनाने के भाव से ही अस्पृश्यता का अंत होगा. हिंदुओं के लिये अस्पृश्यता से बड़ा कोई पाप नहीं है. गोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व जिला जज पीतांबर सिंह तथा मंच संचालन श्री अरुण जी ने किया. इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस भटनागर, विशिष्ठ अतिथि पूर्व आईआरएस जे.पी हिलोरी ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक धनीराम, प्रांत प्रचार प्रमुख अजय मित्तल, सुरेंद्र सिंह, अनिल गुप्ता, सोनपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह एवं बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन उपस्थित थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *