आगरा (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ प्रमुख (सरसंघचालक) डॉ. मोहन भागवत के बारे में फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले युवक को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिल पाई है. उच्च न्यायालय ने युवक को राहत देने से इंकार कर दिया तथा याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि, उसे अंतरिम जमानत के लिए उपयुक्त न्यायालय में जाने का अवसर प्रदान किया है. शाहजीपुर (शाहजहांपुर) में संघ के एक कार्यकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. इसके खिलाफ ही आरोपी उच्च न्यायालय गया था.
उत्तरप्रदेश के शाहजीपुर के पुवायां क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव नाहिल के विवेक मिश्र नामक व्यक्ति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (संघ प्रमुख) के संबंध में अपमानजनक टिप्पणियां की थीं. विभिन्न प्रसंगों को जोड़कर सोशल मीडिया के माध्यम से छवि बिगाड़ने का प्रयास किया था. और नियमिति रूप से कृत्य को अंजाम दे रहा था. जिसका संज्ञान लेते हुए शाहजहांपुर (शाहजीपुर) के विभाग कार्यवाह रवि मिश्र ने पुलिस थाना पुवायां में शिकायत दी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने विवेक मिश्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
विवेक मिश्र का संबंध अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद से है तथा वह बुलंदशहर संभाग का पदाधिकारी है. पिछले काफी समय से वह लगातार इसी प्रकार की टिप्पणियां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर करता आ रहा है. शासकीय अधिवक्ता सैयद अली मुर्तजा ने कहा कि याची ने सोशल मीडिया पर कई आपत्तिजनक पोस्ट डाली हैं, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा है.
विवेक मिश्र अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने तथा गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. जिसे उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज नकवी ने बिना राहत दिए रद्द कर दिया. हालांकि अग्रिम जमानत के लिए नियमानुसार आवेदन करने का अवसर प्रदान कर दिया.