करंट टॉपिक्स

कश्मीर अतीत से वर्तमान तक – लेख संकलन

Spread the love

कश्मीर : अतीत से आज तक – भाग एक

धर्म – रक्षक आध्यात्मिक कश्मीर

पिछले अनेक वर्षों से मजहबी कट्टरपन, भारत विरोध और हिंसक जिहाद के संस्कारों में पल कर बड़ी हुई कश्मीर घाटी की युवा पीढ़ी को भारत की मुख्य राष्ट्रीय धारा में लाना वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है. इसके लिए कश्मीर के उज्ज्वल अतीत का इतिहास पढ़ाया जाना अतिआवश्यक है. तभी युवा कश्मीरियों को सनातन (वास्तविक) कश्मीरियत का ज्ञान होगा और वे हिंसक जिहाद के अमानवीय मक्कड़जाल से बाहर निकलकर अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ सकेंगे.

 

कश्मीर : अतीत से आज तक – भाग दो

वीरव्रती दिग्विजयी कश्मीर

हम सभी भारतीयों को कश्मीर की गौरवमयी क्षात्र परंपरा और अजय शक्ति पर गर्व है. विश्व में मस्तक ऊंचा करके 4000 वर्षों तक स्वाभिमान पूर्वक स्वतंत्रता का भोग कश्मीर ने अपने बाहुबल पर किया है. इस धरती के हिन्दू शूरवीरों ने कभी विदेशी आक्रमणकारियों और उनके शस्त्रों के सम्मुख मस्तक नहीं झुकाए.

 

कश्मीर : अतीत से आज तक – भाग तीन

कट्टरपंथी धर्मान्तरित कश्मीर

सारे देश में चलती धर्मान्तरण की खूनी आंधी की तरह ही कश्मीर में भी विदेशों से आए हमलावरों की एक लंबी कतार ने तलवार के जोर पर हिन्दुओं को इस्लाम कबूल करवाया है. इन विदेशी और विधर्मी आक्रमणकारियों ने कश्मीर के हिन्दू राजाओं और प्रजा की उदारता, धार्मिक सहनशीलता, अतिथि सत्कार इत्यादि मानवीय गुणों का भरपूर फायदा उठाया है. यह मानवता पर जहालत की विजय का उदाहरण है.

 

कश्मीर : अतीत से आज तक – अंतिम भाग

भावी स्वर्णिम कश्मीर

कश्मीर के गौरवशाली अतीत की संक्षिप्त जानकारी पूर्व के दो लेखों – ‘धर्मरक्षक आध्यात्मिक कश्मीर’ और ‘वीरव्रती दिग्विजयी कश्मीर’ में दी है. इसी तरह इस वैभव की पतनावस्था की जानकारी तीसरे लेख ‘कट्टरपंथी धर्मान्तरित कश्मीर’ नामक लेख में दी गई है. भारत के नंदनवन कश्मीर के वैभव और पतन के बाद अब भविष्य के ‘स्वर्णिम कश्मीर’ का खाका तैयार करने और उसके अमल पर चिंतन करने का समय है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *