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कश्मीर समस्या कांग्रेस की देन – राम माधव जी

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जयपुर (विसंकें). भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तथा जम्मू- कश्मीर के प्रभारी राम माधव जी ने कहा कि कश्मीर की पूरी समस्या कांग्रेस की देन है. जब 1857 में क्रांति और 1911 में बंग भंग के खिलाफ आंदोलन हुआ था तो देशभर के सभी धर्मों के लोग उसमें साथ थे, लेकिन 1947 में ऐसा क्या हुआ जिसके कारण देश के टुकड़े कर दिए गए.

वे मंगलवार 25 सितंबर को जयपुर में एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित अखण्ड भारत की अवधारणा एवं कश्मीर विषय पर आयोजित व्याख्यान में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कश्मीर समस्या के लिए कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. इसके कारण आजादी के समय देश नहीं, बल्कि हमारा इतिहास और संस्कृति भी टूटी थी. उस समय की गलतियों के कारण ही आज कश्मीर में असंतोष के हालात हैं.

देश में वर्तमान में विपक्ष के महागठबंधन पर निशाना साधते हुए राम माधव जी ने कहा कि राजनीति में आजकल गठबंधनों की होड़ लगी है. इसमें ना झण्डा, ना एजेण्डा सिर्फ गठबंधन पर ध्यान दिया जा रहा है. देश में फिलहाल अनैतिक राजनीति चल रही है. देश में फिलहाल सत्ता केन्द्रित राजनीति का दौर चल रहा है और सत्ता के लिए गठबंधन किए जा रहे हैं. कांग्रेस स्वाभिमान रहित राजनीति कर रही है.

राम माधव जी ने दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांत पर कहा कि उन्होंने शुचिता, स्वाभिमान और पराक्रम की राजनीति करने के लिए कहा था. भाजपा इसी विचारधारा को लेकर आगे बढ़ रही है. शुचिता की राजनीति में राष्ट्र प्रथम होता है, लेकिन इसके लिए सत्ता भी जरूरी होती है. पराक्रम की राजनीति में सत्ता के लिए समझौते नहीं किए जाते हैं. कभी सत्ता के लिए समझौते किए भी जाते हैं तो विचारधारा को नहीं छोड़ा जाता. उन्होंने कहा कि भाजपा ने भी कश्मीर हित के लिए समझौता किया था, किन्तु देशहित में उसे छोड़ दिया.

उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा के डीएनए में अखण्ड भारत है और कश्मीर का एक इंच टुकड़ा भी अब अलग नहीं होने दिया जाएगा. हम अगले 50 साल तक वहां आतंकियों से लड़ने के लिए तैयार हैं. वहां आतंक का समर्थन और फंडिंग करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी तथा पाक अधिकृत कश्मीर को भी वापस लिया जाएगा.

इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान के अध्यक्ष महेश शर्मा जी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी और अखण्डता की अवधारणा को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि अखण्डता के लिए एक राज्य होना जरूरी नहीं है. ऐसे ही अखण्ड भारत के लिए संविधान और कानून की जरूरत भी नहीं हैं. भारत में हर व्यक्ति नागरिक नहीं बल्कि पुत्र होता है. पुष्कर उपाध्याय जी के धन्यवाद ज्ञापन व राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.

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