पाकिस्तान को ‘रियासत-ए-मदीना’ बनाने का वादा करने वाली इमरान सरकार संकट के दौर में भी हिन्दुओं का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आ रही है. कोरोना महामारी के बीच हिन्दुओं को राशन देने से मना कर दिया है. घटना महामारी से प्रभावित सिंध प्रांत के कराची शहर की है. कोरोना संकट को देखते हुए यहां पर मुसलमानों को राशन और जरूरी सामान दिया जा रहा है, लेकिन हिन्दुओं को मना कर दिया गया है.
हिन्दुओं से कहा गया है कि यह राशन केवल मुस्लिमों के लिए है. इससे हिंदुओं में काफी गुस्सा है. सिंध सरकार ने आदेश दिया है कि लॉकडाउन को देखते हुए दिहाड़ी कामगारों और मजदूरों को स्थानीय एनजीओ और प्रशासन की ओर से राशन दिया जाए. प्रशासन हिन्दुओं से कह रहा है कि वे राशन के हकदार नहीं हैं.
प्रशासन हिन्दुओं से कह रहा है कि यह राशन केवल मुसलमानों के लिए आया है. यही नहीं करीब 3 हजार लोग राशन लेने इकट्ठा हुए, लेकिन उनकी स्क्रिनिंग के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया था. हिन्दुओं को ल्यारी, सचल घोठ, कराची के अन्य हिस्सों के साथ पूरे सिंध में राशन देने से इनकार किया जा रहा है. अल्पसंख्यक समुदाय गंभीर खाद्य संकट से गुजर रहा है।
राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि कोरोना वायरस के इस कहर के बीच पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को खाने के संकट का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि भारत सरकार ने राजस्थान के माध्यम से सिंध में आपूर्ति भेजने के लिए कहा है. लेकिन डॉ अमजद ने पीएम नरेंद्र मोदी से तुरंत अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे इस बर्ताव के मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. पाकिस्तान में हिन्दुओं का उत्पीड़न लगातार जारी है. लेकिन पीएम इमरान खान इसकों लेकर कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं.
पाकिस्तान में 1593 लोग महामारी से संक्रमित
उधर, पाकिस्तान में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है. पाकिस्तान में अब तक 1593 लोग इस महामारी से संक्रमित हैं और 16 लोगों की मौत हो गई है. सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांतों में पंजाब 593 और सिंध 502 मामले शामिल हैं. इस महासंकट की घड़ी में भी पाकिस्तानी प्रशासन हिन्दुओं के साथ भेदभाव करने से बाज नहीं आ रहा है.