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जम्मू कश्मीर में बदलाव – भारतीय संविधान पूर्ण रूप से होगा लागू, फहराएगा केवल तिरंगा

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05 अगस्त 2019 का दिन जम्मू कश्मीर के इतिहास में यादगार बन गया है. इसके बाद जम्मू कश्मीर राज्य संवैधानिक, राजनीतिक और भौगोलिक रूप से हमेशा के लिए बदल जाएगा. संसद में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के बाद जम्मू कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट जाएगा.

पहला प्रदेश होगा- जम्मू कश्मीर (जहां विधानसभा होगी, उदाहरण- दिल्ली) और दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा – लद्दाख (यहां विधानसभा नहीं होगी, उदाहरण- लक्षद्वीप).

इसी के साथ दोनों की राज्यों के नागरिकों के अधिकार, प्रशासनिक व्यवस्था और कानूनों में भी बदलाव आएगा. मुख्य बदलाव आएंगे –

  1. जम्मू कश्मीर राज्य का संविधान समाप्त हो गया है. दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में वही कानून लागू होंगे जैसे दिल्ली में होते हैं.
  2. जम्मू कश्मीर में राज्य का अब कोई ध्वज नहीं होगा. दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में सिर्फ तिरंगा फहराएगा।
  3. जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा होगी. लेकिन अब इस राज्य में कितने विधानसभा क्षेत्र होंगे, प्रत्येक क्षेत्र का क्षेत्रफल क्या होगा. ये नये सिरे से तय किया जाएगा. यानि अब राज्य में नये सिरे परिसीमन किया जाएगा. इसी के साथ जम्मू और कश्मीर में भेदभाव पूर्ण सीटों के बंटवारे का विवाद भी खत्म हो जाएगा.
  4. 4. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 35A की समाप्ति के बाद राज्य के दलितों, वेस्ट पाकिस्तानी शरणार्थियों, गोरखाओं और आधी आबादी महिलाओं को सारे बराबरी के अधिकार मिलेंगे.
  5. जम्मू कश्मीर अनुसूचित जनजाति वर्ग को राजनीतिक आरक्षण प्राप्त होगा. विधानसभा और लोकसभा में सीटें रिजर्व होंगी.
  6. पंचायती राज व्यवस्था (त्रि-स्तरीय) जम्मू कश्मीर में लागू की जाएगी. यानि ग्राम पंचायत, क्षेत्रीय पंचायत और जिला पंचायत की व्यवस्था लागू होगी.
  7. जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान की प्रस्तावना पूरी लागू होगी. पहले सेक्यूलर और अखंडता शब्द जम्मू कश्मीर में लागू नहीं थे.
  8. भारतीय संविधान द्वारा दिया गया शिक्षा का अधिकार भी राज्य में लागू होगा.
  9. जम्मू कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल अब छह से पांच वर्ष हो जाएगा. साथ ही विधान परिषद् समाप्त हो जाएगी.
  10. जम्मू कश्मीर में जजों और मंत्रियों की शपथ में परिवर्तन कर भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा का क्लॉज़ जोड़ा जाएगा.
  11. अन्य पिछड़ा वर्ग को भी जम्मू कश्मीर में आरक्षण के तमाम अधिकार मिलेंगे, जो अब तक राज्य में लागू नहीं थे.
  12. जम्मू कश्मीर में गवर्नर की जगह लेफ्टिनेंट गवर्नर लेगा. जिसे राज्य के मुख्यमंत्री से ज्यादा अधिकार हासिल होंगे, दिल्ली राज्य की तरह.
  13. अब पूरे देश के लोग जम्मू कश्मीर में जाकर बस सकते हैं, वहां के वोटर बन सकते हैं. वहां जमीन या अन्य संपत्ति खरीद सकते हैं, बिजनेस कर सकते हैं जो इससे पहले संभव नहीं था.
  14. दोनों राज्यों में संपत्ति, सर्विस काडर, पुलिस और दूसरे विभागों का बंटवारा होगा.
  15. जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में राजनीति हमेशा के लिए बदल जाएगी.

 

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