मेरठ. (वि.सं.के.) दस मई को तीरगिरान में हुए दंगे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मेरठ के डीएम और एसएसपी को नोटिस जारी किया है. सच संस्था के अध्यक्ष संदीप पहल की शिकायत पर आयोग ने दोनों अधिकारियों से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.
सच संस्था के अध्यक्ष अधिवक्ता संदीप पहल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से दस मई को तीरगिरान में हुए बवाल की वजह बने कुएं को लेकर प्रशासन की भूमिका की शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि शहर में अवैध निर्माण रोकने का जिम्मा एमडीए, नगर निगम, पुलिस और प्रशासन की है. पुलिस ने दंगाई मुसलमानों की बजाय इस मामले में हिंदुओं के खिलाफ ही मुकदमे दर्ज कर लिये. पुलिस ने मानवाधिकारों का जानबूझकर उल्लंघन किया है. इस कुएं को लेकर नगर मजिस्ट्रेट के यहां 1952 से विवाद चला आ रहा है. इस मामले में पुलिस की भूमिका पूरी तरह से एकतरफा रही है. पुलिस के सामने ही दंगाइयों ने गोली चलाकर शिवम रस्तोगी की हत्या कर दी. एसपी सिटी की भूमिका भी इसमें भेदभावपूर्ण रही है. इसी कारण हिंदुओं को इतना नुकसान उठाना पड़ा. इस शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मेरठ के डीएम और एसएसपी को नोटिस भेजा है. इसमें चार सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है.