शिमला (विसंकें). स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल जी ने कहा कि दूध दही के देश में पेप्सी कोला नहीं चलेंगे. दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन अवसर पर कश्मीरी लाल जी ने संबोधित किया. कश्मीरी लाल जी ने एक फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार एक छोटा बालक जो एक गरीब मां के मिट्टी के दीये जलाने और चीनी दीयों का बहिष्कार करने की बात करता है, वह लोगों के लिए स्वदेशी का प्रेरक बन जाता है. उससे लोगों को शिक्षा लेनी चाहिए कि चीनी माल बिकेगा तो किसी मां के सैनिक बेटे को गोली लगेगी और उसकी गोद सूनी होगी. वहीं, अगर स्वदेशी दीया बिकेगा तो उससे देश की मां को रोटी मिलेगी. उन्होंने स्वदेशी के प्रचार के 6 सूत्र प्रदान किये, जिसमें पत्रक, प्रबोधन, प्रचार, प्रवास, पैसा और प्रदर्शन के बारे में विस्तार से चर्चा की.
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि उत्तर भारत विचार मंडल प्रमुख सतीश कुमार रहे. कार्यक्रम के समापन अवसर मुख्य अतिथि के रूप में स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सद्भाव प्रमुख डॉ. लोकेन्द्र शर्मा एवं मुख्य वक्ता कश्मीरी लाल जी रहे. विशिष्ट अतिथि अतिथि प्रांत प्रचारक संजय कुमार जी रहे.
कश्मीरी लाल जी ने कहा कि हमें उन लोगों के खिलाफ मुखर होकर बोलना चाहिए जो गांधी जी के विचारों से सहमति न रखते हुए सोशल मीडिया में उनके बारे में दुष्प्रचार करते हैं. हमें उनके जीवन से सीखना चाहिए कि देशभक्ति और स्वदेशी में कैसा अन्तर्संबंध है. स्वदेशी का उपयोग करके कैसे हम देश के विकास में योगदान कर सकते हैं.
युवा जॉब प्रोवाईडर बनें, न कि जॉब सीकर
पहले दिन कार्यक्रम के मुख्य वक्ता उत्तर भारत विचार मंडल प्रमुख सतीश जी ने कहा कि युवाओं को जॉब सीकर न बनकर, जॉब प्रोवाईडर की भूमिका में आना होगा. इसके लिए उन्होंने लोगों से स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने पर बल दिया. देश में लघु और कुटीर उद्योगों के फलने फूलने के लिए देशवासियों को स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना जरूरी है. वर्तमान में स्वदेशी जागरण मंच के अनेक विशेषज्ञ ऐसी नीतियों के निर्माण एवं शोधकार्य में लगे हुए हैं, जिससे स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग एवं युवाओं में स्वरोजगार की प्रवृति का विकास हो सके.