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पुरी रथ यात्रा के लिये रथों का निर्माण शुरू

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भुवनेश्वर. ओडिशा के पुरी शहर में होनेवाली भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिये तीन लकड़ी के विशाल रथों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. इस साल रथ यात्रा 29 जून को शुरू होगी. परंपरानुसार रथों के निर्माण का कार्य वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी अक्षय तृतीया को शुरू होता है.

मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी लक्ष्मीधर पूजा पांडा ने बताया कि शुक्रवार को विशेष पूजा-पाठ के बाद बढ़ई ने अपना काम शुरू किया.

हर साल भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर से बाहर निकाल कर रथों पर बैठाकर गुंडीचा मंदिर ले जाया जाता है. नौ दिनों तक वहां रहने के बाद तीनों को फिर से जगन्नाथपुरी लाया जाता है.

भगवान जगन्नाथ के लिये नंदीघोष, बलभद्र के लिये तालध्वज और सुभद्रा के लिये देवलन रथ का निर्माण 100 से ज्यादा बढ़ई मिलकर करेंगे. नंदीघोष 45 फुट ऊंचा होता है. इसमें 16 पहिये होते हैं, इसकी छत लाल और पीले रंग से बनी होती है और इसमें ऊपर एक चक्र लगा होता है.

तालध्यज 44 फुट ऊंचा होता है और इसमें 14 पहिये होते हैं. इसकी छत लाल और हरे रंग की होती है और इसमें सबसे ऊपर एक फल लगाया जाता है. पद्मध्वज में 12 पहिये होते हैं और इसकी छत लाल और काले रंग की होती है.

हर रथ के पहले चार नक्काशीदार लकड़ी के घोड़े होते हैं. रथों में बंधी रस्सियों की सहायता से हजारों श्रद्धालु रथ खींचते हैं. पांडा ने बताया कि रथों के निर्माण के लिए प्रशासन ने 612 लकड़ी के लॉग उपलब्ध कराने को कहा है. वन विभाग पहले ही 252 लॉग लकड़ी उपलब्ध करा चुका है. वन विभाग बाकी लकड़ी भी कुछ दिनों में उपलब्ध करा देगा.

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