मुंबई (विसंकें). केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने कहा कि पत्रकारिता में विचार और निष्ठा जैसे गुण आवश्यक हैं. पत्रकार समाज का दर्पण है. व्यावसायिक चिंताओं से दूर रहकर पत्रकारिता करने वाले पत्रकार लोकतंत्र की शक्ति हैं. मूल्याधारित पत्रकारिता भविष्य के लिये आवश्यक है. नितिन गडकरी जी विश्व संवाद केंद्र मुंबई द्वारा नारद जयंती के उपलक्ष्य में 04 मई को आयोजित देवर्षि नारद पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. मुंबई के वेलिंगकर इंस्टीट्यूट व विश्व संवाद केंद्र ने संयुक्त रूप से समारोह का आयोजन इंस्टीट्यूट परिसर में किया था. समारोह में मंच पर विश्व संवाद केंद्र, मुंबई के अध्यक्ष सुधीर जोगळेकर जी और वेलिंगकर इंस्टीट्यूट के समूह संचालक उदय जी उपस्थित थे.
नितिन गडकरी जी ने कहा कि पत्रकारिता सत्याधिष्ठित हो, यह साधारण अपेक्षा है. पत्रकारों को घटनाओं का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन करना आवश्यक है. मात्र इसके लिये मूल्याधारित सामाजिक और शैक्षणिक व्यवस्था होनी चाहिये. भारतीय शिक्षा पद्धति और परिवार व्यवस्था मूल्याधारित है. आपातकाल में जीवन दाँव पर लगाकर पत्रकारिता करने वाले निष्ठावंत पत्रकार हमने देखे हैं. सर्वस्व का त्याग करके पत्रकारिता करने वाले पत्रकार भारत वर्ष में हैं.
विश्व संवाद केंद्र द्वारा पत्रकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पत्रकारों को प्रतिवर्ष देवर्षि नारद पुरस्कार प्रदान किया जाता है. वर्ष 2018 में वरिष्ठ पत्रकार पुरस्कार से रवींद्र दाणी जी (कार्यकारी संचालक, तरुण भारत एसोसिएट्स), पत्रकारिता में विशेष कार्य के लिये डॉ. राहुल रनाळकर जी (मुंबई शहर संपादक, दैनिक लोकमत), राष्ट्रीय भाषा में पत्रकारिता के लिये विमल मिश्र जी (मुख्य संवाददाता, दैनिक नवभारत टाईम्स), इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के लिये नितिन केळकर जी (उपसंचालक वृत्तसेवा, पुणे आकाशवाणी), छायाकार मोहन बने जी (मुक्त छाया चित्रकार) और सोशल मीडिया एवं ब्लॉगिंग के लिये स्वाति तोरसेकर जी (swatidurbin.blogspot.in) को देवर्षि नारद पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
विश्व संवाद केंद्र द्वारा पत्रलेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. प्रतियोगिता में सम्मिलित पत्रों का संकलित रूप अर्थात पत्र सामर्थ्य विशेषांक का विमोचन समारोह में किया गया. प्रतियोगिता के विजेताओं का सम्मान किया गया.