नई दिल्ली. पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विश्व के लाखों लोगों ने भाग लिया. पूरे विश्व में टोक्यो से लेकर सेन फांसिस्कों तक तथा सिडनी से लेकर ओस्लो तक ऊँ ध्वनि गुंजायमान रही. पहले अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक-सामाजिक संगठनों के तत्वावधान में पूरे विश्व में कार्यक्रम आयोजित हुए और लाखों लोगों ने योग किया. इनमें भारतीय भी थे, तो विदेशी भी. पूरे विश्व को भारत के पीछे चलता देखना गर्व का विषय था, विशेषकर विदेशों में रह रहे भारती भी गौरवान्वित थे. विश्व के विभिन्न देशों में योग दिवस पर कार्यक्रमों के सफल आयोजन में ‘हिन्दू स्वयंसेवक संघ’, ‘आर्ट ऑफ लिविंग’, ‘सेवा इंटरनेशनल’, ‘गायत्री परिवार’,’पतंजलि योगपीठ’, ‘चिन्मय मिशन’, ‘विश्व हिन्दू परिषद्’ और अनेक स्थानीय संस्थाओं की बड़ी भूमिका रही.
दुबई में संख्यात्मक दृष्टि से सबसे बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 16 हजार लोगों ने एक साथ आसन किए. कार्यक्रम का आयोजन भारतीय दूतावास ने राज योग केन्द्र, फ्रैंड्ज आफ इंडिया के सहयोग से किया था. कार्यक्रम का आयोजन दुबई के अल वस स्पोर्ट्स क्लब में किया गया. कार्यक्रम में भारतीय मुक्केबाज मेरीकॉम, यूएई में भारतीय उच्चायुक्त अनुराग भूषण तथा यूएई ताइक्वांडो एवं कराटे एसोसिएशन के अध्यक्ष मेजर जनरल नसीर रजुकी ने भाग लिया. रजुकी ने कहा कि आज हमने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया तथा हमने अनुभव किया कि योग किस तरह मन व मस्तिष्क की शांति के लिए सहायक है. फ्रैंड्ज आफ इंडिया के कार्यकारी सदस्य मोहन दास ने कहा कि आयोजन को सफल बनाने के लिए 750 स्वयंसेवकों को लगाया गया था.
केन्या की राजधानी नैरोबी में नैरोबी विवि के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में 6000 योग साधकों ने भाग लिया. और आसन, सूर्य नमस्कार, सहित ध्यान भी लगाया. इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ. कार्यक्रम में शिरकत कर रहे केन्या के खेल, संस्कृति और कला मंत्रालय के कैबिनेट सचिव डॉ. हसन वारियो ने कहा कि योग एक विज्ञान है, जो हमारी आन्तरिक शक्ति को जगाने का काम करता है. जिससे हमारा मन व शरीर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान कर सकता है. केन्या के लोग योग दिवस कार्यक्रम में भाग लेकर गर्वित हैं, और यहां आयोजित कार्यक्रम अफ्रीकी देशों में संभवतया सबसे बड़ा है. उन्होंने आह्वान किया कि केवल योग को 21 जून तक सीमित न करें, अपितु उत्तम परिणाम के लिए इसे प्रतिदिन के जीवन में अपनाएं. उन्होंने अपने भाषण की समाप्ति पर ‘हलासन’ किया. केन्या के अन्य शहरों मोंबासा, न्येरी, लामू, नकुरु, किसुमु सहित अन्य में भी योग दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
हिन्दू स्वयंसेवक संघ ने जापान की राजधानी टोक्यो में योग कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें 400 लोगों ने योग किया. इस अवसर पर योग से जुड़े चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी. इसका उद्घाटन इडोगोवा के महापौर हिदेयुकी मासू और जापान में नेपाल के राजदूत मदन कुमार भट्टराई ने किया. जिसमें अधिकतर जापानी नागरिक उपस्थित थे.
हिन्दू स्वयंसेवक संघ, यूएसए ने अमरीका के अटलांटा, बोस्टन, शिकागो, डेनवर, ह्यूस्टन, ब्लूमिंगटन सहित 30 शहरों में योग कार्यक्रम का आयोजन किया. इनमें हजारों लोगों ने भाग लिया और योगासन का अभ्यास किया.
लागोस के नेश्नल स्टेडियम में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय मूल के लोगों के साथ ही स्थानीय नाइजीरियाई नागरिकों ने भी भाग लिया. सुबह के समय बारिश की हल्की फुहारों के बीच कार्यक्रम में 2000 लोगों ने भाग लिया. योगा फॉर हैप्पीनेस (प्रसन्नता के लिए योग) टैग लाइन के साथ कार्यक्रम का आयोजन सेवा इंटरनेशनल, आर्ट आफ लिविंग, नेशनल ओलंपिक कमेटी के सहयोग से किया गया. व्यक्तिगत व देश के तेजी से विकास के लिए योग को प्रतिदिन के जीवन में अपनाने पर जोर दिया गया.
न्यूजर्सी के कार्यक्रम में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सेन फ्रांसिस्को में वित्त मंत्री अरुण जेटली उपस्थित रहे. आस्ट्रेलिया के मेलबर्न, सिडनी, ब्रिसबेन, एडिलेड और पर्थ में योग के कार्यक्रम आयोजित हुए. कार्यक्रमों में स्थानीय प्रतिनिधियों (मेयर, गवर्नर) ने भी भाग लिया. गुयाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, वियतनाम, ब्रिटेन आदि देशों के अनेक नगरों में भी योग के कार्यक्रम आयोजित हुए.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बैंकाक में अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक अध्ययन केन्द्र थाइलैंड, महीडोल विवि ने संयुक्त रूप से थाइलैंड (समस्त स्कूलों के) के शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के लिए एक दिवसीय योग कार्यशाला का आयोजन किया. कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों के 168 शिक्षकों ने भाग लिया. विभिन्न गणमान्यजनों ने कार्यक्रम में शिरकत की. प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूरे विश्व में मिला सहयोग व समर्थन संस्थाओं का उत्साहवर्धन करने के साथ ही भारतीय समुदाय का भी मनोबल बढ़ाएगा. हमारी सनातन परंपरा के मूल्यों, विश्व बंधुत्व के भाव को विश्व में प्रचारित करने के लिए प्रेरित करेगा.