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राम जन्म स्थान धरती पर एक ही है – इन्द्रेश कुमार जी

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जयपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं हिमालय परिवार के राष्ट्रीय संयोजक इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि राम जन्मभूमि अयोध्या और विवादित ढांचे का झगड़ा लगभग ढाई दशकों से कोर्ट में चल रहा है. वास्तव में यह झगड़ा राम मन्दिर का नहीं, राम जन्म स्थान का है. राम जन्म स्थान धरती पर एक ही है. भगवान राम जन्म का वह स्थान अयोध्या में है जो हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र है. जिस प्रकार ईसाई धर्मावलम्बियों का पावन स्थान वेटिकन है, मुसलमानों का मक्का मदीना है. इंद्रेश जी जयपुर के राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स में हिमालय परिवार द्वारा ‘रामजन्म स्थली अयोध्या का सच’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि इतने लम्बे समय से विवाद का हल नहीं निकला, जबकि कोर्ट के दो फैसले जन्मभूमि के पक्ष में आ चुके हैं. अब तक किसी प्रकार का कोई साक्ष्य विवादित ढांचे के पक्ष में नहीं मिला है. बल्कि खुदाई में रामजन्म स्थान के लाखों वर्ष पुराने प्रमाण मिले हैं. विवादित ढांचे का निर्माण बाबर ने अपने नाम पर किया जो इस्लाम के अनुसार भी मान्य नहीं है, क्योंकि इस्लाम में व्यक्ति के नाम पर धार्मिक स्थान का नाम नहीं रखा जा सकता है. न ही किसी अन्य धर्म के पूजा स्थल को तोड़कर बनाया जा सकता है.

इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि अब तक भारत में अनेक मुस्लिम आक्रांता आए और चले गए, किन्तु किसी ने मुसलमानों के लिए अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की व्यवस्था नहीं की. मुसलमानों को हमेशा अनपढ़, बेरोजगार और बीमार रखा. यही कारण है कि मुसलमानों को सभी जगह लोग पराये नजर आये, अपने नहीं और उन्होंने आतंक की शरण ली.

उन्होंने कहा कि गाय को हिन्दू धर्म में मां माना है. जन्म देने वाली माता होती है, किन्तु गाय भी हमारा पोषण करती है. गाय विष ग्रहण करके अमृत देती है. किन्तु मनुष्य अमृत ग्रहण करके जहर निकालता है. गौ हत्या किसी धर्म और मजहब में मान्य नहीं है. गाय गरीब का मकान, ईंधन और विकास है तथा हमारे लिए पूजनीय व आवश्यक है.

उन्होंने देश में बेटियों पर हो रहे अत्याचारों पर कहा कि जब मां के कदमों में जन्नत होती है, तो बेटी बोझ कैसे हो सकती है. मां भी तो कभी बेटी होगी. जब मां पावन है, तो बेटी बोझ क्यों? बेटी बोझ नहीं सौभाग्य है. धरती पर मां को भगवान का रूप कहा गया है. गीता और कुरान में मां को पूजनीय बताया है. यह धरती भी हम सब की मां है. हम इसकी तरक्की के लिए प्रयत्न करें. मां और मातृभूमि खरीदी और बेची नहीं जाती, इसके लिए बलिदान किया जाता है.

कार्यक्रम के अध्यक्ष सासंद मदनलाल सैनी जी ने कहा कि इन्द्रेश जी देश के मुसलमानों को मुख्य धारा में लाने का कार्य कर रहे हैं और देश हर क्षेत्र में आगे बढ़े, इसके लिए संघ कार्य कर रहा है.

विशिष्ट अतिथि कारी आलीम मौलाना जी ने कहा कि कौमी एकता पर काम करने की पाबंदी किसी धर्म में नहीं है. किन्तु हमारे धर्म गुरू बिकाऊ हो गए हैं. कौमी एकता में हर कौम बराबर है, कोई धर्म नहीं कहता कि हम अलग-अलग रहें. कार्यक्रम में पूज्य संत महामण्डलेश्वर बालमुकुंदाचार्य जी का सान्निघ्य प्राप्त हुआ.

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