नई दिल्ली. दिल्ली अध्यापक परिषद ने केदारनाथ साहनी सभागार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविक सेंटर, नई दिल्ली में 23 नवंबर को एक दिवसीय विशाल प्रांतीय सम्मलेन का आयोजन किया. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री श्री महेंद्र कपूर ने आदर्श जीवन मूल्यों को स्थापित करने पर ज़ोर देते हुए शिक्षकों से सुसंस्कृत समाज के निर्माण में अपनी भागीदारी करने और स्वयं को एक आदर्श के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया.
दिल्ली से लोकसभा के सदस्य श्री प्रवेश वर्मा ने दिल्ली में कोई सरकार न होने के कारण यहां के शिक्षकों की समस्याओं को संसद में उठाने की पेशकश की. शिक्षकों से सुझाव आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी शिक्षा के प्रति बहुत ललक रखते हैं और शिक्षा में व्यापक सुधार के लिये प्रयासरत हैं.
दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता व पांच बार विधायक रहे श्री साहब सिंह चौहान ने कहा कि वे स्वयं एक शिक्षक रहे हैं और शिक्षकों की विभिन्न मांगों को समय-समय पर उठाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि वेतन विसंगति के मुद्दे को उन्होंने दिल्ली अध्यापक परिषद की मांग पर दिल्ली विधान सभा में उठाया था. साथ ही, दिल्ली अध्यापक परिषद के साथ उन्होंने मुख्य सचिव श्री डीo एमo स्पोलिया जी के साथ बैठक कर के शिक्षा व शिक्षकों के विभिन्न मुद्दे उठाये हैं, जिसके बहुत जल्दी अच्छे परिणाम आने वाले हैं. उन्होंने शिक्षकों से वादा किया कि यदि भविष्य में उनकी सरकार आती है तो, जितने भी मुद्दे उठाये गये हैं, उन सबका समाधान कराया जायेगा.
दिल्ली अध्यापक परिषद के अध्यक्ष श्री जय भगवान गोयल ने शिक्षकों की समस्याओं, छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन विसंगति, कक्षाओं में 1 : 30 का अनुपात के अनुसार अध्यापकों की नियमित भर्ती, कैशलेस मेडिकल सुविधा, आकस्मिक तथा अर्जित अवकाशें की पूर्व की भांति बहाली जैसी अनेक मांगें उठायीं और इनको पूरी कराने की दिशा में चल रहे प्रयासों के बारे में बताया.
इस अवसर पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अध्यक्ष श्री मोहन प्रसाद भरद्वाज ने सभागार में आये सभी शिक्षकों का एक मेज़बान की तरह अभिनन्दन किया. मंच संचालन माननीय रतन लाल शर्मा जी ने किया. दिल्ली के लगभग एक हज़ार शिक्षक – शिक्षिका इस समारोह में शामिल हुये.