भोपाल (विसंकें). प्रख्यात पत्रकार एवं सामाजिक चिंतक रमेश पतंगे जी ने कहा कि भारतीय संविधान एवं कानून का पालन देश के प्रत्येक नागरिक को करना चाहिए. भारतीय संविधान की जानकारी सभी को होनी चाहिए. इसके लिए एक व्यापक संविधान साक्षरता अभियान की आवश्यकता है. वे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में बाबा साहब डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर की जयंती के अवसर पर ‘‘बाबा साहब आम्बेडकर और भारतीय संविधान‘‘ विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र के विकास के लिए सोचना चाहिए. डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने संविधान निर्माण की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में देश को एक ऐसा संविधान दिया जो देश के प्रत्येक नागरिक के उत्थान की बात करता है. डॉ. आम्बेडकर यह मानते थे कि विविधता से भरे इस विशाल देश में सभी नागरिकों के हितों के संरक्षण की बात भारतीय संविधान में होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संविधान देश का सर्वोच्च कानून है. देश के सभी नागरिकों में संविधान के प्रति गहरी आस्था होनी चाहिए. संविधान को समझने के लिए संविधान के दर्शन को समझना होगा, क्योंकि संविधान के प्रत्येक शब्द का अर्थ व्यापक है. इस देश में जो जन्मा है, उसे पूरे आत्म सम्मान एवं समानता के साथ जीने का पूर्ण अधिकार है और यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को प्राप्त होते हैं.
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने जी ने कहा कि इस देश को आधुनिक लोकतंत्र बनाने में बाबा साहब आम्बेडकर का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने आधुनिक लोकतंत्र के लिए स्वतंत्रता, न्याय, समानता और बंधुत्व की भावना को आवश्यक बताया. डॉ. आम्बेडकर के प्रयासों से ही अनेक श्रमिक संगठन एवं युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं का गठन हुआ है.
विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा जी ने कहा कि डॉ. भीमराव आम्बेडकर को आम्बेडकर नाम उनके गुरू ने दिया था. कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों सहित विद्यार्थी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक अरूण खोबरे जी ने किया.