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समाज में सभी में सेवा धर्म होना आवश्यक है – डॉ. मोहन भागवत जी

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DSC_1987.बीड़ (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि किसान सुरक्षित रहें, समाज में ऐसा वातावरण तैयार करें. किसान आत्महत्या किस कारण करता है, वह खुद को अकेला क्यों समझता है? उसे हम सभी सहायता करें, ऐसा वातावरण क्यों तैयार नहीं होता? प्रकृति के विपरीत चक्र के विरुद्ध वह लड़ता है, उसे सहायता करने की भावना क्यों नहीं जगती? यह सब बदलने हेतु सभी में सेवा धर्म होना आवश्यक है और ऐसे मानवता के महाकुंभ में से ही समाज निर्माण होगा और सूखा हो या कोई भी विपदा वह टलेगी.

सूर्योदय परिवार की योजनाओं का लोकार्पण कार्यक्रम तथा मानवता महाकुंभ कार्यक्रम बीड़ शहर में स्थित शिवाजी महाराज क्रीड़ा संकुल में शनिवार को संपन्न हुआ. जिसमें सरसंघचालक जी उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि अपना समाज प्राचीन है या सरकार. आज तक देश के शासक बदले हैं. देश आजाद हुआ, तब से सरकारें बदलती गई. विपदा आने पर किसी की सहायता की प्रतीक्षा मत करो, हम सभी ने एक होकर सक्षम बनना चाहिए और हमारे किसान भाई को सहायता करनी चाहिए. सभी दिशाओं में समाज एक जैसा ही है. विभिन्न जगहों पर विभिन्न कार्यों में राजनीति का संबंध स्पष्ट होता है. उन्होंने कहा कि खुद सुखी होने का प्रयास करने पर वह अस्थायी विकास होगा, सदा के लिए रहने वाला नहीं. देश को नंबर एक पर लाने के लिए यहां पर ऊपरी काम करने की अपेक्षा जनता सहित सभी को  सेवा कार्य करने चाहिए, उन्होंने यह आह्वान लोगों से किया.

सेवा करने से विख्यात होते हैं……

25 june -3सेवा करने से व्यक्ति विख्यात होता है, परंतु जिनको ख्याति नहीं चाहिए. फिर भी, वह व्यक्ति विख्यात होते है, ऐसे ही एक संत भैय्युजी महाराज है.

सरसंघचालक जी ने कहा कि चलता बोलता धर्म, चलता बोलता ईश्वर का रूप, यह जनता में होता है. उसके लिए सेवा करें. व्यक्तिगत जीवन में ईश्वर ढूंढें, सार्वजनिक जीवन में लोक कल्याण करें. संत प्रथम अपना जीवन तैयार करते हैं, उससे समाज के सम्मुख आदर्श प्रस्थापित करते हैं. स्वार्थ का विकास करें या परमार्थ का करें, परंतु देश सुखी होना चाहिए. देश सुखी, तभी हम सुखी हो सकेंगे.

उन्होंने कहा कि मानव नाम का प्राणी मन और बुद्धि का उपयोग करता है. विचार शक्ति उसके पास होती है. जो लोग श्रम, त्याग कर दूसरों के लिए कार्य करते हैं, वही श्रेष्ठ है. बाकी की चीजें करने का स्तर सुनिश्चित करना चाहिए और उसमें से समाज का उन्नति करना आवश्यक है. हम सभी, देश का निर्माण करते हैं, जिसके साथ सेवा कार्य करना भी आवश्यक है.

धर्म शब्द का अर्थ समझ लें….

उन्होंने कहा कि धर्म शब्द का अर्थ सभी को जोड़ने वाला है. वह उन्नति करता है. वास्तविक धर्म का अर्थ है कि अखिल विश्व को प्रेम अर्पित DSC_1987करें. आचरण में धर्म कैसे लाएं यह संतों से सीखें. सभी ने मानवता के धर्म का अनुसरण करना चाहिए और देश को विकास की ओर अग्रसर करना चाहिए, इसी का अर्थ धर्म है.

कार्यक्रम में ग्राम विकास मंत्री पंकजा मुंडे, सांसद प्रितम मुंडे, सांसद रक्षा खडसे, मध्यप्रदेश के सांसद कुवर हरीभाऊ सिंग, डॉ. सुभाष भांब्रे, माजी मंत्री उत्तरप्रदेश रामकृष्ण खुशवाह, कार्तिक शर्मा, मधुर भंडारकर, संघ पदाधिकारी दादा पवार, सूर्योदय परिवार की मुख्य प्रशासक गायिका अनुराधा पौडवाल, सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे. समारोह के लिए महिलाएं, पुरुष, युवक-युवतियां बड़ी संख्या में उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान मराठवाड़ा क्षेत्र के जरूरतमंद किसानों को सहायता राशि के चैक तथा अन्य सामग्री वितरित की. सूर्योदय परिवार की योजनाओं का लोकार्पण किया.

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