जोधपुर (विसंकें). जोधपुर स्वदेशी जागरण मंच व भारतीय सोलर पावर डवलपमेन्ट फॉरम द्वारा आयोजित सौर शक्ति 2016 में मुख्य वक्ता भारत सोलर डवलपमेन्ट फॉरम के राष्ट्रीय संयोजक व स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि आने वाले वर्षों में सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन का सबसे प्रमुख स्रोत बनने वाला है. इस कारण से फॉरम का गठन किया गया, जिसका एक मात्र उद्देश्य सौर ऊर्जा का पूर्णतः स्वदेशीकरण है. फॉरम का प्रयास रहेगा कि सौर ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में मात्र स्वदेशी उद्योगों व संस्थाओं को अधिकाधिक लाभांश प्राप्त हो, जिससे अन्य घरेलू उद्योगों को भी विकास करने में सहायक सिद्ध हो. उन्होंने कहा कि दिसम्बर में आयोजित पेरिस पर्यावरण सम्मेलन में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम सूर्य पुत्र हैं. प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम सोलर ऊर्जा क्षेत्र में ओपक की तरह 121 देशों का अन्तर्राष्ट्रीय सोलर पावर का गठन करेंगे और भारत इसका नेतृत्व करेगा. वर्तमान समय में हमारा सबसे ज्यादा व्यापार घाटा जो लगभग 60-65 अरब डॉलर है, चीन के साथ है. चीन सोलर उद्योग का भी सबसे बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है. अभी देश में उपयोग आने वाला सोलर साजो सामान 80 प्रतिशत चीन में निर्मित है. आज हमारे देश में बैंकों का एनपीए बढ़ रहा है, उसका भी मुख्य कारण चीन है. चीन के तकनीक राष्ट्रवाद के कारण विश्व व्यापार का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि हमारा हिस्सा केवल 2.02 प्रतिशत है. हमें भी तकनीक राष्ट्रवाद अपनाना चाहिए और देश के आधारभूत क्षेत्रों में स्वदेशी तकनीकों का अधिकाधिक प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए. हम चाहते हैं कि सोलर क्षेत्र में सूर्यनगरी जोधपुर एक सोलर पॉवर हब बने. इसके लिए हमें उद्योगों व तकनीकी संस्थाओं के सहयोग से सोलर उद्योग सहायता संघ बनाना होगा और सोलर क्षेत्र में शोध कार्य को बढ़ाना पड़ेगा. हम चाहते हैं कि मारवाड़ सोलर ऊर्जा का पूरे विश्व में पर्याय बन जाये.
सौर शक्ति संवाद में बोलते हुए स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह विचार मण्डल प्रमुख सतीश कुमार ने कहा कि हम आने वाले समय में सोलर ऊर्जा को निर्यात कर सकते है. इसके लिए हम एक विशेष स्वदेशी नीति पर चलने की आवश्यकता है. हमें मूलभूत आधार संरचना पर ध्यान देना चाहिए. घरेलू सोलर साजो सामान उत्पादन करने वाले उद्योगों को बढ़ावा देने की नीति बनानी चाहिए. लोगों को भी जागरूक करना पड़ेगा कि वे स्वदेशी निर्मित सोलर उपकरणों को ही उपयोग में लाये. स्वदेशी कम्पनियों के अनुकूल नीतियां व शर्ते बनानी चाहिए, जिससे हम जल्द ही एक सौर शक्ति उत्पादन में अग्रणी देश बन सकते हैं. हमारा प्रयास रहेगा कि सोलर विद्युत उत्पादन में 100 गीगावाट का लक्ष्य 2021 की जगह 2019 में ही प्राप्त कर ले.
संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जीके गर्ग ने कहा कि फॉजिल फ्यूल के कारण ही सम्पूर्ण विश्व में झगड़ा चल रहा है. फॉजिल फ्यूल समाप्त हो जाने के बाद सोलर ऊर्जा ही मुख्य ऊर्जा स्रोत बनेगा. स्वदेशी जागरण मंच की प्रशंसा करते हुए कहा कि मंच भविष्य का कार्य अभी से ही प्रारम्भ कर चुका है. विशिष्ट अतिथि कैलाश भंसाली ने कहा कि सौर ऊर्जा पूरे पश्चिमी राजस्थान के लिए वरदान है और आज सौर ऊर्जा से सभी प्रकार ने विद्युत उपकरण चल रहे है. फोरम के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य अतुल भंसाली ने संवाद कार्यक्रम के दौरान भारत सोलर पॉवर डवलमेन्ट फॉरम की राजस्थान में शुरूआत करते हुए जोधपुर चेप्टर की घोषणा कि जिसके अनुसार संयोजक देवेन्द्र डागा व सहसंयोजक राधेश्याम बंसल रहेंगे.