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हरियाणा – 20 संगठनों के दो हजार कार्यकर्ता जरूरतमंदों की सहायता में जुटे

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मास्क, सैनेटाइजर, खाद्य सामग्री के साथ-साथ मैडिकल सुविधा भी मुहैया करवा रहे स्वयंसेवक
हरियाणा (विसंकें). पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है. कोरोना के चेन सिस्टम को तोड़ने के लिए भारत में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित है और एमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी कार्यालय व अन्य सेवाएं बंद हैं. ऐसे में लाखों लोग ऐसे हैं, जिनको खाना व दैनिक जीवन की अन्य उपयोगी सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है. काम-धंधे बंद होने के कारण दिहाड़ी व मजदूरी वाले लोगों को समस्या का स मना करना पड़ रहा है. इन लोगों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक संकटमोचक बने हुए हैं. जरूरतमंद लोगों के लिए खाने-पीने व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करवाने के लिए विशेष अभियान चलाया है. स्वयंसेवक गली-गली, बस्ती-बस्ती जाकर जरूरतमंदों को मास्क, सैनेटाइजर, मेडिकल सुविधा, खाने-पीने की चीजें व अन्य उपयोगी सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी प्रेरणा से चलने वाले करीब 20 संगठनों के 2 हजार कार्यकर्ता हरियाणा के हर जिले में जुटे हुए हैं. इस दौरान लोगों को आटा, दाल, चिनी, साबुन, तेल, मास्क, सैनेटाइजर और भोजन के पैकेट उपलब्ध करवा रहे हैं. सेवा भारती, संस्कार भारती, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, मजदूर संघ, राष्ट्र सेविका समिति, विश्व हिंदू परिषद्, बजरंग दल, ग्राहक पंचायत आदि संगठनों के लोग राहत कार्य में जी-जान से जुटे हुए हैं. राहत सामग्री उपलब्ध करवाने के साथ-साथ लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के तरीके भी बताए जा रहे हैं.

लॉकडाउन में सरकार के नियमों को ध्यान में रखते हुए स्वयंसेवक बड़े समूह में एकत्रित होने की बजाय छोटी-छोटी टोलियों में बंटकर सेवा कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं. ताकि इस आपात स्थिति में भी कोई व्यक्ति भूखा न रहे. हरियाणा प्रदेश के पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, जगाधरी, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, कैथल, हिसार, सिरसा, जींद, फतेहाबाद, रोहतक, झज्जर, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर सहित सभी जिलों में खंड स्तर तक अभियान युद्ध स्तर पर जारी है. कई स्थानों पर तो स्वयंसेवकों द्वारा लोगों को भोजन मुहैया करवाने के लिए अस्थाई रसोई तक का निर्माण किया जा चुका है.

संदिग्ध लोगों का करवाया जा रहा मेडिकल चैकअप

स्वयंसेवकों द्वारा जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने के अलावा मेडिकल सुविधा मुहैया करवाने के लिए भी व्यवस्था की है. भोजन वितरण के दौरान स्वयंसेवकों को जहां भी संदिग्ध व्यक्ति मिलता है, उसका मेडिकल चैकअप भी निःशुल्क करवाया जाता है ताकि कोरोना जैसी बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सके.

स्वयंसेवक अपने घर से भी तैयार करवा रहे भोजन
लॉकडाउन के दौरान सभी सेवाएं बंद होने के बावजूद भी स्वयंसेवक जरूरतमंद लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी सामने नहीं आने दे रहे हैं. प्रदेशभर में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर स्वयंसेवक कहीं बाहर भोजन तैयार करवाने की बजाय अपने घर से ही भोजन तैयार कर जरूरतमंद लोगों को खाना उपलब्ध करवा रहे हैं.

किसान संघ ने बनाई अलग योजना
भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र बड़खालसा ने बताया कि बड़खालसा गांव में रह रहे जरुरतमंद लोगों के लिए गांव में ही भोजन तैयार करना शुरू किया है. प्रति दिन गांव के प्रत्येक घर में जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है. इससे गांव में भाईचारे व सौहार्द की भावना को बल मिला है. गांव में रह रहे मजदूर और जरुरतमंदों को भूखा नहीं रहने दे रहे हैं.
देश, समाज पर विपदा के समय खड़ा रहता है संघ
देश व समाज पर जब भी कोई विपदा की घड़ी आती है तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हर समय समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है. इसमें चाहे 1998 में हरियाणा के फरीदाबाद की रेल दुर्घटना हो, 1996 के चरखी दादरी की विमान दुर्घटना हो, 2013 में केदारनाथ त्रासदी हो या फिर नेपाल में भूंकप हो. मानव सेवा के लिए संघ के स्वयंसेवक सदैव तत्पर रहते हैं.

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