अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) द्वारा सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए 10वीं और 12वीं का परीक्षा शुल्क बढ़ाए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करती है. विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मत है कि शिक्षा के अधिकार के तहत सरकार को केंद्रीय विद्यालयों नवोदय विद्यालयों, राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत पढ़ रहे विद्यार्थी आदि तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को ध्यान में रखकर निर्णय में सुधार की आवश्यकता है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष चौहान ने कहा कि, “सीबीएसई बोर्ड को इस निर्णय के बारे में सभी पहलुओं पर सोचने की आवश्यकता है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सरकार से मांग करती है कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों तथा केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों के छात्रों को ध्यान में रखकर इस निर्णय में सुधार किया जाए, तथा निर्णय में उसी के अनुसार परिवर्तन किया जाए.”