संभल, उत्तर प्रदेश।
संभल में विवादित जामा मस्जिद में 24 नवम्बर, 2024 को सर्वे के दौरान तीन स्थानों पर हुई हिंसा के मामले में फरार चल रहे 10 अन्य आरोपियों को कोतवाली पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। हिंसा के मामले में अब तक 72 उपद्रवी पकड़े जा चुके हैं। उपद्रवियों ने पत्थरबाजी के अलावा आगजनी और तोड़फोड़ करने के साथ पुलिस पर भी जानलेवा हमला किया था। हिंसा के दौरान पुलिस ने जो फोटो लिए थे, उसके आधार पर आरोपियों की पहचान की गई है।
संभल पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में कोतवाली क्षेत्र के देहली दरवाजा निवासी मुल्ला अफरोज, तहजीब, अजहर अली, असद, कागजी सराय निवासी दानिश, शुऐब, आलम, मोहल्ला जगत निवासी दानिश, आलम सराय निवासी शानेआलम और कोटगर्वी निवासी बाकिर शामिल हैं।
24 नवंबर, 2024 को संभल में तीन स्थानों पर हिंसा और बवाल हुआ था। पहली घटना विवादित जामा मस्जिद के नजदीक हुई थी, जहां पांच लोगों की जान गई थी। दूसरी नखासा तिराहे पर हुई, जहां पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई थी। इसके बाद तीसरी हिन्दूपुरा खेड़ा में हुई, जहां पुलिस के अधिकारियों पर जानलेवा हमला किया गया। इन्हीं तीनों स्थानों पर पुलिस-प्रशासन की ओर से वीडियो बनाया गया था और फोटो भी लिए थे।
450 आरोपी पहचाने गए
वीडियो और फोटो के आधार पर अब तक 450 आरोपी पहचाने गए हैं। उपद्रवियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह पत्थरबाजी में शामिल थे। घटना के बाद वह अलग-अलग शहरों में जाकर छिपे थे, जब घर लौटे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्राथमिक छानबीन में पुलिस को मुल्ला अफरोज के खिलाफ नौ मामले दर्ज मिले हैं। इसमें हत्या, गैर इरादतन हत्या, डकैती, सार्वजनिक संपत्ति क्षति करने जैसे कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। आरोपी के आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है।
बताया कि संभल बवाल में गिरफ्तार मुल्ला अफरोज ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि 24 नवंबर को दूसरे साथी को शारिक साठा ने एक एप पर कॉल कर कहा था कि नेता भीड़ जमा करा रहे हैं। नेताओं की ओर से पूरा सपोर्ट है और हरी झंडी मिल गई है। इसलिए 10 से 20 पुलिसकर्मी और आम लोगों को मार दो। इससे पुलिस प्रशासन डर जाएगा और शासन भी पुलिसकर्मियों के खिलाफ ही कार्रवाई करेगा। फिलहाल मुल्ला अफरोज के बयान में कितनी सच्चाई है, पुलिस उसकी तहकीकात कर रही है।