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कोरोना वैक्सीन पेटेंट मुक्त करवाने हेतु 22 हजार बुद्धिजीवियों सहित 14 लाख लोगों ने किए हस्ताक्षर

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स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय सभा ग्वालियर में प्रारंभ

ग्वालियर. एलएनआईपीई के सभागार में स्वदेशी जागरण मंच की पंद्रहवीं राष्ट्रीय सभा में मंच के अ. भा. संयोजक आर. सुंदरम ने मंच की वर्ष भर की गतिविधियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच के कोरोना वैक्सीन को पेटेंट मुक्त करवाने हेतु चलाए गए अभियान में 14 लाख लोगों ने हस्ताक्षर किए. 22,000 प्रमुख बुद्धिजीवियों सहित साठ देशों के नागरिकों ने अपनी सहमति दर्ज करायी. 19 देशों व देश के समस्त ज़िलों में प्रदर्शन हुआ. भूमि बचाने और जैविक कृषि को बढ़ाने के लिए मंच द्वारा भूमि सुपोषण अभियान चलाया गया. जिसमें देश के 15 सौ से अधिक स्थानों पर अभियान को पूर्ण किया गया. तीन दिवसीय अर्थचिंतन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रियों, नीति आयोग के उपाध्यक्ष व उद्योगपतियों, संत-समाज सहित देश के 800 से अधिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने हिस्सा लिया.

स्वदेशी जागरण मंच देश के 450 ज़िलों में अपना काम खड़ा करने में सक्षम हुआ है. स्वदेशी चिंतन के लिए वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप स्वदेशी शोध अध्ययन के लिए दिल्ली में शोध केंद्र स्वदेशी जागरण मंच स्थापित करने जा रहा है. जिसमें देश की पुरा सम्पत्तियों, साहित्यों, वेद- वेदांग का अध्ययन कर वर्तमान वैश्विक आवश्यकता अनुसार आलेख रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत किए जाने का काम किया जाएगा.

उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने उपस्थित स्वदेशी कार्यकर्ताओ एवं समाज के प्रबुद्धजनों को विश्व व्यापार संगठन क्रिप्टो करंसी से आर्थिक तंत्र में हो रहे बदलाव को अध्ययन करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां बीज एवं अन्य चीज़ों का पेटेंट करवा कर हमारे संसाधनों के साथ खिलवाड़ कर रही हैं. स्वदेशी जागरण मंच ने आह्वान किया कि खेती में बड़ी कंपनियों के पेटेंट रूप में भी हस्तक्षेप कर किसानों को बीज एवं आवश्यक वस्तुएँ सस्ती एवं सुलभ कराने की ओर क़दम बढ़ाने की आवश्यकता है. आरसीईपी समझौता रद्द किए जाने को भी स्वदेशी एवं लघु उद्योगों के हित में उठाया गया महत्वपूर्ण क़दम बताया.

पंजाब केसरी समूह की मैनेजिंग डायरेक्टर किरण चोपड़ा ने कहा कि स्वदेशी केवल वस्तुओं तक सीमित नहीं है. इससे हर घर परिवार में एक बीज मंत्र के रूप में काम लेना होगा. इसी से हम अपने परिवार समाज एवं राष्ट्र को आर्थिक बल प्रदान कर सकते हैं. स्वदेशी देश की आवश्यकता एवं आत्मा है. उन्होंने कहा कि समस्त जनमानस को स्वदेशी की ओर लौटना ही होगा. उससे ही हम हमारे एमएसएमई सेक्टर को बचाकर, रोज़गार एवं आर्थिक उन्नति की ओर ले जा सकते हैं.

उद्घाटन सत्र में लाल पिटारा गौशाला के स्वामी श्री ऋषभ देवानंद जी महाराज ने गौमाता, धरतीमाता एवं भारत माता को सदैव सर्वोपरि मानते हुए उनके उत्थान के लिए विचार करने का आग्रह किया.

उद्घाटन सत्र में वान्या महेश्वरी ने स्वदेशी गीत प्रस्तुत किया. संचालन स्वदेशी जागरण मंच के मध्यभारत प्रांत के संयोजक श्रीकांत बुधोलिया ने किया. धन्यवाद साकेत सिंह राठौड़ ने किया.

सभा के प्रचार प्रमुख डॉ. धर्मेन्द्र दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय सभा के प्रथम दिन स्वावलंबी भारत अभियान को लेकर विशेष चर्चा सत्र का आयोजन किया गया. स्वावलंबी भारत अभियान को देश भर में किस प्रकार संचालित किया जाना है, उस पर सभी प्रमुख कार्यकर्ताओं ने गहन चिंतन मंथन किया. सभा में अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार विशेषज्ञ डॉ. धनपत राम अग्रवाल ने पर्यावरण विषय पर प्रस्ताव, पठन एवं चर्चा प्रस्तुत की. पर्यावरण को बचाने के लिए सरकारों द्वारा बनायी जा रही नीतियों एवं जनजागरण क्षेत्र में तुरंत कार्य करने की आवश्यकता पर बल देते हुए मंच ने प्रस्ताव पारित किया.

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