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1965 भारत-पाक युद्ध – 17 रेलवे कर्मचारियों ने देश रक्षार्थ दिया था बलिदान

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भारत-पाक युद्ध (1965) के दौरान रेलवे के 17 कर्मचारियों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश की रक्षार्थ प्राण न्यौछावर किए थे. बलिदानी कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गडरारोड स्मारक पर कार्यक्रम आयोजित होता है.

वर्ष 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान रेलवे लाइन को दुरुस्त कर रहे रेल कर्मियों पर पाक सैनिकों ने हमला कर दिया था. इस दौरान रेलवे के 17 जवान बलिदान हो गए थे. ये जवान रेल से शस्त्र व खाद्य सामग्री को बोर्ड पर पहुंचा रहे थे. आर्मी टैंकों की आवाज, लड़ाकू विमानों की ओर से की जा रही बमबारी, चारों ओर गोलियों की बौछार, सैनिकों की रेलमपेल का दृश्य रोंगटे खड़े करने वाला था. इसी दौरान भारत से घबराए पाक ने युद्ध की सामग्री व खाद्य सामग्री पहुंचाने में मदद कर रही रेलवे लाइन को गडरारोड के पास क्षतिग्रस्त कर दिया. चिंता थी कि अब गोला, बारूद, हथियार सहित अन्य सामग्री को जवानों तक कैसे पहुंचाया जाए. इस दौरान भारत के वीर जवानों (रेल कर्मी) ने क्षतिग्रस्त लाइन को दुरुस्त करने की मन में ठानी और निकल गए अपने मिशन पर. यह कर्मचारी रेलवे लाइन को दुरुस्त कर अपने मिशन की कामयाबी के गीत गा ही रहे थे कि पाक विमानों ने इन पर बमबारी शुरू कर दी. इसमें 17 रेल कर्मी वीरगति को प्राप्त हुए, लेकिन वे अपना काम पूरा कर गए.

सर्वस्व अर्पण करने वाले 17 रेलवे कर्मचारियों में नंदराम गैंगमेन, भंवरिया कांटेवाला, माला गैंगमैन, मधा, हुकमाराम, चिमाराम, रावताराम, लालाराम, खीमराज, जेहाराम, देवीसिंह खलासी, चुन्नीलाल ड्राइवर, माधोसिंह फायरमैन, मुल्तानाराम पेंटर, करनाराम ट्रॉलीमैन, हेमाराम खलासी व चिमनसिंह फायरमैन शामिल थे.

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