स्वदेशी जागरण मंच ने कोरोना वायरस को दी ‘चीनी वायरस” की संज्ञा
विश्व की महाशक्तियों में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी
नोवेल कोरोना वायरस संपूर्ण विश्व के लिए खतरा बनता जा रहा है, सब ठप्प पड़ गया है. हर देश कोरोना से जंग लड़ रहा है. बीच-बीच में यह सवाल भी उठा रहा है कि आखिर नोवेल कोरोना वायरस आया कहां से? क्या यह बायोलॉजिकल हथियार है ? किसी देश ने जानबूझकर इसे प्लांट किया है या मानवीय गलती का परिणाम है?
स्वदेशी का आग्रह लेकर आर्थिक क्षेत्र में कार्यरत संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने इसे चीनी वायरस की संज्ञा दी है. अमेरिका के राष्ट्रपति सहित अमेरिकी सीनेटर टॉम कॉट, लिंबग और फ्रांसिस बोयले द्वारा इसे चीन की किसी लैब में हो रहे परीक्षण का नतीजा बताए जाने के बाद स्वदेशी जागरण मंच की बात को समर्थन मिलता है.
1981 में डीन कोट्ज द्वारा लिखित पुस्तक “The Eyes of Darkness में कोरोना वायरस को लेकर वर्णन मिलता है. इसे पढ़कर आरोप को और बल मिलता है. पुस्तक में कहा गया है कि चीन के एक वैज्ञानिक ली चेन ने ‘वुहान-400’ नाम के जैविक हथियार को विकसित किया था जो सिर्फ इंसानों पर ही असर करता है. चीन के ही एक समाचार पत्र साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने वुहान इंस्टीट्यूट की मुख्य शोधकर्ता शी झेंगली पर वायरस को फैलाने का दोषी बताया.
24 जनवरी को “वाशिंगटन टाइम्स” में प्रकाशित एक लेख के अनुसार वायरस चीन के जैविक हथियारों के प्रोग्राम के कारण पैदा हुआ है. और इसे वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजी में तैयार किया गया. ये इंस्टीट्यूट वुहान शहर में बीचों बीच बना हुआ है.
वुहान हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉ. ली ने बताया था कि “वुहान से SARS-कोरोना बड़े महामारी का रूप लेने वाली है, यदि सरकारी अधिकारी महामारी का खुलासा पहले कर देते तो यह बेहतर होता. बाद में ली सहित 8 अन्य साथी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. ली वेनलियांग ने पूरे विश्व को सबसे पहले SARS-CoV-2 (SARS-कोरोना) के बारे में बताया.
विश्व के देशों से अपनी ओर आरोपों की बौछार होता देख चीन ने इसे वाइट वायरस कहते हुए अमेरिका पर वायरस को प्लांट करने का आरोप लगाया, उसके अनुसार अक्तूबर 2019 में वुहान में वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स हुए, जिसमें अमेरिका ने अपने सैनिक एथलीटों की लंबी चौड़ी टीम भेजी थी. इसी दौरान वुहान के सबसे व्यस्त मार्केट में इसे प्लांट किया गया.
चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अपने ट्वीट में कहा कि अमेरिका पहले ये बताए उसका पहला मरीज कब सामने आया. उसकी अभी क्या हालत है और कितने अस्पताल कोरोना पीड़ितों के लिए बनाए गए हैं? दरअसल यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड लगातार चीन पर आरोप लगा रहे हैं. हालांकि वैश्विक स्तर पर अमेरिका पर बिमारी को फैलाने और फिर उसकी दवा का व्यापार करने का आरोप भी अक्सर लगता रहा है.
कोरोना वायरस से आर्थिक, समाजिक, व्यवाहारिक क्षेत्र में जो भी नुकसान हो रहा है, उसमें सबसे अधिक नुकसान मानवता को हुआ है. जिसमें चीन का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है.