करंट टॉपिक्स

श्रद्धांजलि संदेश – हमने देशहित के लिये सदैव चिंतित रहने वाले एक देशभक्त को खोया है

पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर संघ ने जताया दुःख, कहा संघ व स्वयंसेवकों के लिये अपूरणीय क्षति नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत रत्न...

कोविड की सावधानियों के साथ अब मंदिरों को खोलें – आलोक कुमार

नई दिल्ली.  विश्व हिन्दू परिषद(विहिप) ने सभी मंदिरों, गुरुद्वारों, आश्रमों तथा अन्य उपासना स्थलों को खोलने की मांग की है, जिससे इस महामारी के कारण...

सर्वोच्च न्यायालय – अवमानना के मामले में माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज

नई दिल्ली. सर्वोच्च न्यायालय ने आज सुनवाई के पश्चात भगोड़े व्यापारी विजय माल्या को झटका देते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी. विजय मल्या को...

देवास – फारुक ने छत पर लगाया पाकिस्तान का झंडा, पुलिस ने किया गिरफ्तार

[caption id="attachment_36224" align="aligncenter" width="955"] पाकिस्तानी झंडा[/caption] भोपाल (विसंकें). मध्यप्रदेश के देवास से एक विडियो सामने आया है जो भारत में रह कर पाकिस्तान के गुण...

गोंडवाना के जननायक – श्रद्धेय प्रेमसिंह मार्को जी

भोपाल (विसंकें). अविभाज्य मंडला जिले में वनवासी कार्यकर्ता रूप में अगर सर्वप्रथम किसी का नाम लिया जाए तो वे हैं श्रद्धेय म सिंह मार्को जी....

शांति वार्ता – नागालैंड को अशांत करने के लिए फिर सिर उठा रहे एनएससीएन और थुंगालेंग मुइवा

प्रो. रसाल सिंह नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ़ नागालिम (आईएम) के महासचिव थुंगालेंग मुइवा की हठधर्मिता और अड़ियल रवैये के चलते एकबार फिर नागा समुदाय के...

ग्रामीण मजदूर महासंघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रेम सिंह मार्को का निधन

भोपाल (विसंकें). रविवार रात 8.30 बजे महासंघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम सिंह मार्को का लम्बी बीमारी के बाद उनके गृह ग्राम मोहली तेह-समनापुर जिला...

उषाताई – नाम को जीवन में ढालकर सार्थक किया

चल पड़े जिधर दो डग, मग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर राष्ट्र सेविका समिति, विश्व के सबसे बड़े अशासकीय महिला संगठन की तृतीय प्रमुख संचालिका वंदनीया...

हमको प्रकृति से पोषण पाना है, प्रकृति को जीतना नहीं है – मोहन भागवत

हम प्रकृति को देव मानते हैं, अन्य देशों में ऐसा नहीं है – स्वामी अवेधशानंद गिरी जी महाराज भारत ने सदियों से प्रकृति के संरक्षण...

अभावों से भरा जीवन, सिग्नल स्कूल, और फिर यूरेका फॉर्ब्स में अच्छी नौकरी – मोहन काले के परिश्रम की कहानी

मुंबई (विसंकें). मोहन काले, लगभग छह साल पहले दरिद्रता के कारण माता-पिता, भाई-बहनों को छोड़कर घर से भाग आया. दो वक्त की रोटी के लिए...