पड़ोसी देश से भारत में अवैध घुसपैठ व फर्जी कागज तैयार करने का धंधा जोरों पर चल रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन लोगों को अवैध तरीके से भारतीय सीमा में प्रवेश कराना है, उनके दस्तावेज भी बांग्लादेश में ही तैयार कराए जा रहे हैं. देश भर में विभिन्न स्थानों से अवैध रूप से आए बांग्लादेशियों के पकड़े जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.
अब, मुंबई एटीएस ने मंगलवार को पुणे जिले के रंजनगांव एमआईडीसी क्षेत्र में छापा मारकर 21 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, इनमें 4 महिलाएं शामिल हैं. इन लोगों के पास से फर्जी आधार कार्ड भी मिले हैं.
एटीएस की टीम को रंजनगांव एमआईडीसी क्षेत्र में किराए के कमरे में कई बांग्लादेशी नागरिकों के रहने की जानकारी मिली थी. इसी जानकारी के आधार पर एटीएस की टीम निगरानी कर रही थी. सबूत मिलने के बाद एटीएस टीम ने सभी को हिरासत में लिया और गहन पूछताछ की. इसके बाद आधार कार्ड, वोटर कार्ड और पैन कार्ड की जांच की गई, जो फर्जी पाए गए. इसके बाद एटीएस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में 1000 टके में नकली भारतीय आधार कार्ड तैयार हो जाता है. इसके बाद मात्र 4000 रुपये में बॉर्डर पार कराने की गारंटी दी जाती है. सीमा सुरक्षा बल ‘बीएसएफ’ ने अपनी सतर्कता से एक ऐसे ही मामले का खुलासा किया है. एक ऑपरेशन में दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की 73वीं बीएसएफ की बटालियन के सतर्क जवानों ने मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध घुसपैठ के प्रयास को विफल किया है.
मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध घुसपैठ का प्रयास हो रहा था. बीएसएफ जवानों ने मंगलवार को कथित तौर पर चेन्नई जाने के इरादे से फर्जी आधार कार्ड के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने वाले चार बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ लिया. उन्हें प्रवेश कराने की सुविधा प्रदान करने वाले एक भारतीय दलाल को भी गिरफ्तार किया है. बामनाबाद सीमा चौकी पर पांच व्यक्ति बांग्लादेश से भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर रहे थे. त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) की मदद से सभी पांचों संदिग्धों को पकड़ लिया. गिरफ्तार व्यक्तियों को आगे की पूछताछ के लिए बामनाबाद सीमा चौकी ले जाया गया. शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि उन पांचों में से एक भारतीय दलाल था, बाकी चार अवैध रूप से घुस रहे बांग्लादेशी नागरिक थे.
दलाल ने स्वीकार किया कि वह बांग्लादेशियों को भारतीय क्षेत्र में घुसने में मदद करने के लिए 15 अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आया था. भारत में सफल प्रवेश पर उन्हें प्रति बांग्लादेशी नागरिक 4000 रुपये देने का वादा किया गया था. चारों बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ पर पता चला है कि उन्होंने बांग्लादेश के राजशाही के गोदागरी उप-जिले में स्थित एक बांग्लादेशी दलाल के माध्यम से नकली भारतीय आधार कार्ड खरीदे थे. नकली दस्तावेजों के लिए 1000 प्रति व्यक्ति, बांग्लादेशी टका का भुगतान किया गया.
गिरफ्तार बांग्लादेशियों ने मजदूरी के काम के लिए चैन्नई की यात्रा करने की योजना बनाई थी. गिरफ्तार व्यक्तियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस स्टेशन, रानीनगर को सौंप दिया गया है.
बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और जनसंपर्क अधिकारी एनके पांडे ने कहा, यह ऑपरेशन देश की सीमाओं की सुरक्षा में हमारे सैनिकों की दृढ़ सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया का एक प्रमाण है. फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने का प्रयास किया जाता है, लेकिन बीएसएफ ऐसी गतिविधियों को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी प्राथमिकता हमारी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.