करंट टॉपिक्स

अब मीडिया में बदलाव के लिये व्याकुलता बढ़ी

Spread the love

नई दिल्ली. देवर्षि नारद जयंती समारोहों की श्रंखला में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केन्द्र ने 21 जून को एक और समारोह आयोजित किया, जिसमें आदर्श पत्रकारिता के मूल्यों की रक्षा के लिये न केवल विमर्श हुआ, अपितु लोककल्याणकारी मीडिया की देश में पुनर्स्थापना के लिये कुछ न कुछ प्रभावी पग उठाने की प्रेरणा का संचार हुआ.

Shri Anil Pandey ji

मुख्य वक्ता के रूप में समारोह को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्री के.जी. सुरेश ने पत्रकारिता के उद्देश्य से भटक जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसे पटरी पर लाने के लिये पत्रकारों को मिलजुल कर विधायी प्रयास करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा की लोकतंत्र में पत्रकारिता को चौथा स्तम्भ बताया गया है, इसके लिये पत्रकारों को अधिकार तथा अनेक प्रकार की स्वतंत्रता इसलिये दी गयी हैं, क्योंकि पत्रकारों के पास राष्ट्र के कल्याण का महती दायित्व है. इस दायित्व का सम्यक निर्वहन तभी सम्भव है जब वह निहित स्वार्थों की पूर्ति के उपकरण बनने के बजाय समाज व राष्ट्र के कल्याण को ध्यान में रख कर कार्य करें. पत्रकारिता के व्यवसायीकरण पर विस्तार से चर्चा करते हुए श्री सुरेश ने चेतावनी दी कि कि पत्रकारों ने नारद जी के मार्ग पर चलते हुए लोकहित को ध्यान में रख कर यदि कार्य नहीं किया तो लोकतंत्र के इस चतुर्थ स्तम्भ की साख समाप्त हो जायेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि पत्रकारिता को अन्य पेशों की भांति व्यापार व उद्योग की तरह नहीं चलाया जा सकता.

श्री सुरेश ने सामान्य जनता विशेषकर पाठकों और दर्शकों से पत्रकारिता की दशा और दिशा में सकारात्मक परिवर्तन के लिये अपनी प्रतिक्रियाओं और टिप्पणियों के माध्यम से मीडिया मालिकों पर दबाव बनाकर अंकुश लगाने का सुझाव दिया और कहा कि यदि जनता जागृत हो गई तो मीडिया मालिकों को अपना रवैया बदलने पर विवश होना पड़ेगा.

Patrakar Samman- Narad Jayantiवरिष्ठ पत्रकार अनिल पांडे ने श्री सुरेश से अपनी पूर्ण सहमति जताते हुए कहा कि निहित स्वार्थों को पत्रकारिता के माध्यम से निर्लज्जता पूर्वक पूरा करने का दौर चल पड़ा है. उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि पहले प्रधानमंत्री व अन्य मंत्रियों के विदेश दौरों में पत्रकार या संपादक उनके साथ जाते थे, उनका साक्षात्कार कर रिपोर्टिंग की जाती थी, किन्तु अब समाचार पत्रों व चैनलों के मालिक उनके साथ जाते हैं और अपने लंबित मामलों को निपटाते हैं. पहले तथ्यों की पड़ताल कर सम्पादक रिपोर्ट तैयार कर जारी करता था, अब संपादक को रिपोर्टिंग के आदेश उनके मालिकों से मिलते हैं, इसमें पत्रकारिता का वास्तविक लक्ष्य खो जाता है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिस प्रकार राजनीतिक व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का विश्व साक्षी बना है , उसी प्रकार पत्रकारिता के क्षेत्र में भी परिवर्तन होगा.

विषय प्रवर्तन करते हुए विश्व संवाद केंद्र न्यास के सचिव श्री वागीश ईसर ने कहा कि कि पत्रकारिता को राष्ट्रीय विचारों का आधार प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से देश के सभी प्रान्तों में विश्व संवाद केन्द्रों की स्थापना की गयी है. संवाद केन्द्र देवर्षि नारद के आदर्शों का पत्रकारों को स्मरण करा उनके बीच नवीन चेतना, नवीन स्फूर्ति और नवीन ध्येय की ओर अग्रसर करने के लिये प्रेरित करने का कार्य कर रहे हैं.

समारोह की अध्यक्षता संघ के दिल्ली के दक्षिणी विभाग कार्यवाह डॉ. अशोक त्यागी ने की. उन्होंने सभी अतिथियों व पत्रकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि निश्चित रूप से आज पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है, इसके कारण उनका दायित्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. इस मुद्दे पर पूरे समाज को ध्यान देना होगा.

Patrakar Samman

इस अवसर पर इन्द्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र दक्षिणी विभाग द्वारा तीन पत्रकारों जिनमें आजतक चैनल की पूनम शर्मा, एशिया न्यूज़ साप्ताहिक पत्र के अशोक कुमार, न्यूज़ लिंक की वरिष्ठ पत्रकार नीतू कपूर आहूजा को सम्मानित भी किया गया.

 

 

Narad Jayanti Dakshini Vibhag Delhi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *