जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर घाटी से विस्थापित लगभग 3800 कश्मीरी हिन्दू वापिस लौटे हैं. अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद 520 लोगों को प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत नौकरी दी गई है. पीएम पैकेज के तहत कश्मीरी प्रवासी युवाओं के लिए विशेष नौकरियों का प्रावधान पुनर्वास के लिए किया गया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्य सभा में जानकारी प्रदान की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में प्रक्रिया पूरी होने पर लगभग 2,000 प्रवासी उम्मीदवारों को नौकरी उपलब्ध करवाई जाएगी.
गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को राज्यसभा में जानकारी दी गई कि आतंकवाद के डर से 1990 से अब तक 44,167 परिवारों ने कश्मीर घाटी से पलायन किया है. जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से 1990 में स्थापित रिलीफ ऑफिस की रिपोर्ट के अनुसार, पलायन करने वाले कुल परिवारों में से 39,782 हिंदू परिवार हैं.
32 लाख से ज्यादा को डोमिसाइल सर्टिफिकेट
गृह मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार के मुताबिक डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए 31 दिसंबर 2020 तक 35,44,938 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 32,31,353 को यह जारी किया जा चुका है. 2,15,438 आवेदन खारिज हुए हैं. 31,08,682 सर्टिफिकेट स्थायी निवासियों के उत्तराधिकारियों को सौंपे गए हैं.
पिछले तीन सालों में आतंकी घटनाओं और घुसपैठ की कोशिश में काफी कमी आई है. हालांकि, सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2018 में जम्मू-कश्मीर में 614 आतंकी घटनाएं हुईं तो 2019 में 594 और 2020 में 244 आतंकी वारदातें हुईं. इस साल 28 फरवरी तक 15 घटनां हुई हैं.
2018 में 91 सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए, 2018 में 80 और 2020 में 62 सुरक्षाकर्मियों ने बलिदान दिया. 2018 में घुसपैठ की 328 कोशिशें हुईं, 2020 में यह संख्या घटकर 99 रह गई. हालांकि, पाकिस्तान की ओर से होने वाले सीजफायर उल्लंघन में काफी तेजी आई है. 2018 में जहां 2140 बार गोलीबारी हुई तो 2020 में 5133 बार सीमा पार से अकारण गोलीबारी की गई.