हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला – 2016
भुवनेश्वर (विसंकें). परिवार एवं मानवता की रक्षा के लिए माता-पिता का आदर सम्मान और पूजन जरूरी है. हिन्दू शास्त्रों में भी माता-पिता, आचार्य एवं अतिथि को सम्मान देने की कथा वर्णित है. माता-पिता, आचार्य अतिथि देवता की ही तरह पूजनीय हैं. मगर आधुनिकता ने माता-पिता, आचार्य एवं अतिथियों पर रहे विश्वास को नष्ट कर दिया है. इससे पारिवारिक संपर्क भी छिन्न भिन्न होते जा रहे हैं. अपनी इस प्राचीन परंपरा की रक्षा करने को आगे आने के लिए स्थानीय बरमुंडा मैदान में आयोजित हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला में आयोजित माता-पिता पूजन उत्सव कार्यक्रम में अतिथियों ने कहा. इनिशिएटिव फॉर मोरल एंड कल्चरल ट्रेनिंग (आइएमसीटी) फाउंडेशन की ओर से आयोजित हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले में 800 परिवार के बंधुओं ने अपने माता-पिता की आरती उतारी और पूजन किया. कार्यकारी अध्यक्ष मुरली मनोहर शर्मा के नेतृत्व में आयोजित समारोह में अतिथि के रूप में भुवनेश्वर मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष तथा उद्योगपति महेंद्र गुप्ता ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाने में सहायक होंगे. यह कार्यक्रम अपने आप में अनूठा है. माता-पिता की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं हो सकती है. हमारे बच्चों को इससे सीख मिलेगी. भारत गौरव दिलीप मिश्र ने कहा कि हमें इस तरह के कार्यक्रम नियमित अंतराल पर आयोजित करते रहने चाहिए.