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एबीवीपी – प्रतिनिधिमंडल ने संसदीय स्थाई समिति अध्यक्ष के समक्ष रखे सुझाव

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नई दिल्ली. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा, महिला एवं बाल, युवा तथा खेल मामले पर संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे को ज्ञापन सौपा. ज्ञापन के माध्यम से सामाजिक विज्ञान तथा मानविकी आदि विषयों के पाठ्यक्रमों में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव की नेतृत्वकर्ता महिलाओं के वर्णन, विभिन्न इतिहास कालखंडों के समुचित प्रतिनिधित्व के साथ समावेशन, भारत के सभी भौगोलिक क्षेत्रों के विषयों जैसे पूर्वोत्तर, दक्षिण भारत के राज्यों, जनजातीय क्षेत्रों को पाठ्यक्रमों में उचित स्थान देने की मांग की गई. ज्ञापन के माध्यम से विभिन्न सुझाव उनके समक्ष रखे.

साथ ही अभाविप ने संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष को लॉकडाउन के पश्चात पुनः शिक्षण संस्थानों को खोलने संबंधी विभिन्न सुझाव दिए. इंटरमीडिएट तथा हाईस्कूल बैच के लिए परीक्षा कम से कम 2 माह पूर्व प्रत्यक्ष रूप से विद्यालय में कक्षाएं संचालित करने, ऑफलाइन पढ़ाने वाले शिक्षकों का प्रारंभिक चरण में ही कोविड वैक्सीनेशन, शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से सक्षम करने हेतु डिजिटल माध्यमों का शिक्षण देने, प्रयोगशालाएं तथा पुस्तकालयों को खोलने एवं ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण को आसान बनाने हेतु उपलब्ध विकल्पों पर काम करते हुए शीघ्र क्रियान्वयन जैसे आदि सुझाव दिए.

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “कई विश्वविद्यालयों तथा विभिन्न बोर्डों के मानविकी विषयों के पाठ्यक्रमों में विसंगतियां लगातार देखने को मिल रही हैं. अभाविप की स्थानीय इकाइयों ने पाठ्यक्रमों की विसंगतियों को दूर करने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास भी किए हैं. हमने आज संसदीय स्थाई समिति से मानविकी तथा समाज विज्ञान आदि विषयों के पाठ्यक्रमों में व्यापक सुधार की मांग को रखा है, पाठ्यक्रमों में व्यापक संशोधन की हमारी लंबे समय से मांग रही है. हमने समिति के अध्यक्ष को लॉकडाउन के उपरांत शिक्षण संस्थानों को धीरे-धीरे खोले जाने की मांग रखी है, जिससे महीनों से बंद पड़ी ऑफलाइन शिक्षा व्यवस्था शुरू की जा सके. हम आशा करते हैं कि हमारी मांगों तथा सुझावों पर सरकार शीघ्र कार्यवाही करेगी.”

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