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पूर्णिया के जिहादियों पर कठोर कार्यवाही कर पीड़ित महा-दलितों को न्याय दिलवाया जाए – विहिप

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नई दिल्ली. बिहार के पूर्णिया में जिहादियों द्वारा हिंसक हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने पीड़ित महा-दलित परिवारों को शीघ्र न्याय दिलवाने की मांग की. विहिप के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि बुधवार आधी रात को सैकड़ों मुसलमानों की हथियारों से लैस भीड़ ने हमला कर लगभग दो दर्जन घरों को आग के हवाले कर दिया, श्री मेवा लाल राय नामक हिन्दू महा-दलित की नृशंस हत्या कर दी, गर्भवती महिला का सिर फोड़ दिया, अन्य बहन-बेटियों, बच्चों व बुजुर्गों तक पर अमानवीय अत्याचार तथा धार-दार हथियारों से हमले किए. कहा जा रहा है कि इन हमावरों में बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठिए भी सामिल थे. घटना के तीन दिन बीतने पर भी ना तो अपराधी पकड़े गए और ना ही पीड़ितों की सुरक्षा, सहायता या पुनर्वास के विषय में कुछ हुआ. उन्होंने मांग की कि हमलावरों पर उपयुक्त धाराओं में एफआईआर दर्ज कर गिरफ़्तारी हो तथा पीड़ित परिवारों की सुरक्षा, आर्थिक सहायता व पुनर्वास हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा सार्थक कदम अविलंब उठाए जाएं.

उन्होंने कहा कि पूर्णिया ज़िले के बायसी अनुमंडल की खपरा पंचायत में 19 मई को अर्ध रात्रि में भीड़ द्वारा महादलितों पर ढहाए गए महा-कहर ने बंगाल में इसी माह हुए क्रूर हिंसक हमलों को दोहरा कर, हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा लेने का पुन: दुस्साहस किया है. हमले, मारपीट, लूटपाट, हिंसा व आगजनी की इन जघन्य घटनाओं पर स्थानीय पुलिस, प्रशासन व शासन की उदासीनता भी बेहद चिंतनीय है. लोगों के मन में यह शंका है कि स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के दबाव के कारण ही ऐसा हो रहा है. उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय बाल आयोग तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भी मामले में स्वत: संज्ञान लेकर तत्काल उचित कार्यवाही करने की मांग की.

विहिप महामंत्री ने कहा कि इस जघन्य हमले ने “मीम-भीम” के नारे की भी पुन: पोल खोल दी है. क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए, ऐसे झूठे नारों की आड़ में ही हिन्दू समाज के पराक्रमी दलित समुदाय को हिंसा का शिकार बनाया जाता रहा है. हमारे अनुसूचित जाति व जन-जाति के बंधु-भगिनियों को इनसे भ्रमित ना होकर, अत्यंत सावधान रहने की आवश्यकता है.

मिलिंद परांडे ने उन सभी सेक्युलरिस्ट व दलितों के कथित मसीहाओं को भी आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि जिहादियों द्वारा हमलों पर उनके मुंह में दही क्यों जाम जाता है. सभी पीड़ित महा-दलित परिवारों की सुरक्षा, क्षतिपूर्ति व पुनर्वास  के साथ आक्रमणकारियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित होने तक हिन्दू समाज चुप नहीं बैठेगा.

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