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हिंसा का हिस्सा बनते समय तो उम्र याद नहीं रही, अब जेल में बुढ़ापा याद आ रहा है

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नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से एक अभियान चल रहा था, जेल में बंद अपराधियों को बीमारी, आयु या अन्य किसी बहाने से जमानत मिल जाए और वे जेल से बाहर आ जाएं. आपने अनेक ऐसे मामलों की चर्चा सुनी होगी.

इसी प्रकार का प्रयास दिल्ली दंगों के एक आरोपी ने किया. जिसे न्यायालय ने नकार दिया. साथ ही न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी की. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के साम्प्रदायिक दंगों के दौरान हिंसा के 12 मामलों में आरोपी एक आरोपी को अदालत से राहत नहीं मिल सकी. जेल पहुंचने के बाद आरोपी ने अपनी अधिक उम्र का हवाला देते हुए कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि हिंसा का हिस्सा बनते समय तो उम्र याद नहीं रही, अब जेल में बुढ़ापा याद आ रहा है.

कड़कड़डूमा स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक की अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि साम्प्रदायिक हिंसा में 53 लोगों की जान चली गई थी. इस हिंसा के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति के प्रति नरमी बरतना उचित नहीं है. खासतौर पर उन लोगों के लिए जो लोगों को इस हिंसा के लिए भड़काते दिख रहे हैं. अन्य मामलों का हवाला देते हुए अदालत ने कहा कि अन्य आपराधिक घटनाओं में पुलिस को साक्ष्य जुटाने व उन्हें साबित करने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती है, लेकिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की इस हिंसा में आरोपी खुद इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों के माध्यम से कानूनी शिकंजे में आए हैं. अधिकांश आरोपी सीसीटीवी फुटेज में हिंसा करते देखे गए. साथ ही मोबाइल की लोकेशन दूसरा ठोस सबूत है.

बुढ़ापे का हवाला दिया था

आरोपी की तरफ से अदालत में लगाई गई जमानत याचिका में कहा गया था कि वह 65 साल से ज्यादा उम्र का है. वह कई बीमारियों जैसे – डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन आदि से ग्रस्त है. इसके साथ ही उसकी पत्नी भी 100 फीसदी दिव्यांग है. इस उम्र में उसे उसकी जरूरत है. आरोपी ने यह भी कहा कि जिनके घर जलाने का उस पर आरोप लगाया जा रहा है, वह दशकों से उसके पड़ोस में रह रहे थे. इस पर अदालत ने कहा कि यही तो विडंबना है कि दशकों से साथ रहकर भी दंगाइयों को रहम नहीं आया.

आरोपी के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज

पुलिस ने अदालत को बताया कि यह आरोपी केवल एक मामले में नहीं, बल्कि 12 जगहों पर हिंसा करने के मामलों में आरोपी है. आसपास के सभी थानों में इस बुजुर्ग के खिलाफ मुकदमा दर्ज है. इतना ही नहीं इन दंगों में इस बुजुर्ग का बेटा भी आरोपी है. वहीं, अन्य कई मामलों को लेकर बुजुर्ग के खिलाफ जांच जारी है.

इनपुट – मीडिया रिपोर्ट्स

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