अमृतसर जिले के गांव कोहलेवाल में लगभग 12 परिवारों ने सिक्ख धर्म में वापसी की. दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के प्रयास से इन परिवारों की वापसी हुई. धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन मनजीत सिंह ने कहा कि इन परिवारों को लालच देकर मतांतरण करवाया गया था.
इन्हें कहा गया था कि इनकी बीमारियां ठीक हो जाएंगी. बच्चों को शिक्षा दिलाई जाएगी और उनका फ्री इलाज करवाया जाएगा, जबकि हुआ कुछ भी नहीं. दिल्ली कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका ने 3 अगस्त को यहां दफ्तर खोला था. इसके पश्चात कमेटी के प्रचारक गांव-गांव जा रहे हैं. इसी दौरान इन परिवारों से मुलाकात हुई और इनकी अपने सिक्ख धर्म में वापसी करवाई गई.
मनजीत सिंह ने कहा कि कहीं न कहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कमी रही है. यही कारण रहा है कि पंजाब में सिक्खों का मतांतरण हो रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील की कि जिस तरह से हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में मतांतरण पर पाबंदी है, ठीक उसी तरह पंजाब में भी पाबंदी लगाई जाए.
गांव काहलोवाल के करीब एक दर्जन परिवारों ने सिक्ख धर्म में वापसी करने के बाद ईसाई धर्म अपनाने की सारी कहानी बयां की. उन्होंने बताया कि ईसाई धर्म प्रचारक गांवों में दौरा कर तरह-तरह के लालच देते हैं. जिनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं होती है, मतांतरण करने वाले लोग ऐसे परिवारों को ही ज्यादा निशाना बना रहे हैं. उन्हें लालच दिया जा रहा है. इन परिवारों का कहना था कि वह कुछ समय के लिए भटक गए थे. अब वह वापस आ गए हैं और श्री गुरु ग्रंथ साहिब को मानकर ही अपना जीवन व्यतीत करेंगे.
बेटे की बीमारी ठीक करने का दिया झांसा, पर हो गई मौत
रजिंदर कौर ने कहा कि उसके बेटे के गुर्दे फेल हो गए थे. उन्हें कहा गया कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद चर्च में जाने से उसकी बीमारी ठीक हो जाएगी. करीब दो साल तक वह चर्च जाते रहे. कहा गया कि उसका इलाज वह खुद करेंगे और उसे कोई दवाई भी नहीं देनी है. उनकी बात मानकर दवाई देना भी बंद कर दिया. जालंधर में बड़ी चर्च है और वह वहां भी जाने लगे. उनके बेटे को कोई फर्क नहीं पड़ा. नतीजतन उसके 20 वर्षीय बेटे की कुछ ही दिन में मौत हो गई.
पति की शराब छुड़वाने का दिया था भरोसा
सर्बजीत कौर का कहना था कि उसका पति शराब पीता था. उसे कहा गया कि शराब छुड़वा देंगे. इतना ही नहीं, उनकी बेटियों की शादी करवाई जाएगी और स्कूल में पढ़ाया जाएगा. उनकी दो बेटियां हैं. घर की हालत ठीक नहीं है. दोनों बेटियां सिर्फ 8वीं तक पढ़ी हैं. वह चर्च में जाती रही, लेकिन फायदा कोई नहीं हुआ. उसका पति शराब लगातार पीता रहता था. उनसे मारपीट भी करता था.