भोपाल. कोरोना संकटकाल में वैक्सीन ने बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई. छोटे-छोटे देशों को भी भारत ने वैक्सीन उपलब्ध कराई, जिसका उन देशों के नागरिक आभार व्यक्त करते हैं. पिछले दो दशकों के दौरान आरोग्य भारती ने नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए सुविवचारित और सुसंगठित प्रयास किये हैं. आरोग्य भारती का विचार बहुत स्पष्ट है कि व्यक्ति स्वस्थ रहेगा, तो गांव, समाज, प्रदेश और देश भी स्वस्थ रहेगा. आरोग्य भारती आयुर्वेद के माध्यम से जनसेवा का अभिनंदनीय प्रयास कर रहा है. देश में मेडिकल टूरिज्म बढ़ रहा है. भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आरोग्य भारती द्वारा ‘एक राष्ट्र – एक स्वास्थ्य प्रणाली समय की आवश्यकता’ विषय पर आयोजित समारोह में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि दुनिया में उपलब्ध महंगे इलाज के बीच भारत में सस्ते उपचार की व्यवस्था है. यही वजह है कि दिल्ली के अस्पतालों में भी देखें तो देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विदेशों के मरीज इलाज के लिए आते हैं. भारत में चिकित्सा की प्राचीन पद्धति रही है, जिससे विश्व को भी मार्गदर्शन मिला है. भारत ने दुनिया को योग, प्राणायम और व्यायाम के साथ आध्यात्मिक शक्ति का बोध कराया. हमें दैनिक दायित्वों का निर्वहन करने के साथ-साथ प्रकृति के अनुरूप और सरल जीवन शैली अपनानी चाहिये. इससे हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहेगा.
इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आयुष राज्य मंत्री मप्र शासन रामकिशोर कांवरे, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित, आरोग्य भारती राष्ट्रीय महासचिव सुनील जोशी, एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आरोग्य भारती अपने कार्य, विचार और प्रयास से निरंतर स्वस्थ भारत के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दे रही है. मैं जब इस बार मुख्यमंत्री बना, तो देश और प्रदेश में #COVID19 फैल चुका था. हमने चिकित्सा की तीनों पद्धतियों का उपयोग कोरोना से लड़ने के लिए किया. काढ़े का वितरण कर सबको उपयोग के लिए भी अनुरोध किया. योग से निरोग अभियान प्रारंभ कर लोगों के बचाव का प्रयास किया. आयुर्वेद, एलोपैथी और योग, तीनों का भरपूर उपयोग किया. हमारे यहां कहा भी जाता है कि शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्. इसलिए स्वस्थ शरीर तो आवश्यक है.