तेजपुर. असम के सोनितपुर जिले में 330 एकड़ सरकारी भूमि को खाली कराने के लिए शनिवार को बड़ा अभियान चलाया गया. इस दौरान भारी मशीनों की मदद से अवैध तरीके से बनी सभी इमारतों को गिरा दिया गया. इनमें एक मदरसा भी शामिल है, जबकि स्थानीय लोगों के आग्रह पर प्रशासन ने दो मस्जिदों को छोड़ दिया. इन लोगों ने मस्जिदों के लिए मोहलत मांगते हुए कहा कि वे लोग इन्हें खुद हटा देंगे. इस जमीन पर खड़ी जूट की फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया.
ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर बसे बारछल्ला के नंबर-3 चितलमाड़ी क्षेत्र में बने मकानों को गिराने की कार्रवाई सुबह लगभग छह बजे शुरू हुई. इस कार्य में बुलडोजर और अन्य भारी मशीनों का प्रयोग किया गया. सोनितपुर के उपायुक्त देब प्रसाद मिश्रा ने कहा कि जमीन खाली कराने का पूरा अभियान शांतिपूर्ण रहा. लोग पहले से ही वहां से जा चुके थे. इसके चलते कार्रवाई करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि कब्जा करने वाले अधिकतर लोग खेती करते हैं. उन्होंने अपनी जूट की फसल तैयार होने तक का समय देने का अनुरोध किया था. खाली कराई गई जमीन पर 100 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने की योजना है. इस कार्रवाई के दौरान लगभग 1,200 सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए थे.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, क्षेत्र में 299 परिवार रहते थे. खाली करने के लिए इन्हें आठ महीने पहले नोटिस दिया गया था. इसके बाद 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग क्षेत्र छोड़कर जा चुके थे. जिसके चलते अभियान शांतिपूर्ण रहा है.
एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर लोगों ने स्वीकार कर लिया है कि यह सरकारी जमीन है. यहां कई समुदायों के लोग रहते थे. इसमें ज्यादातर परिवार बंगाली भाषी मुसलमान हैं.